
शहर में बिना अनुमति के करीब 34 से 40 मीट की दुकानें चल रही हैं। ज्यादातर दुकानें शहर की रिहायशी कॉलोनियों में खुली हुई हैं। जिससे लाेगाें काे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आसपास के लाेगाें ने जिला प्रशासन से इन दुकानों के प्रति कार्यवाही की मांग की है। शहर के लोग कई बार इन दुकानों को बंद करवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अगर नपा के पास लिखित में कोई शिकायत आए तो ही दुकान मालिक को नोटिस भेजा जाता है। नोटिस के कुछ दिन बाद दुकान दोबारा से शुरू हो जाती है।
मोहल्ला नया खटीकान व वाल्मीकि मोहल्ले में तो सुबह होते ही मीट की मंडी सज जाती है। यहां से आने जाने वाले लोगों को परेशानी मुंह पर कपड़ा ढककर चलना पड़ता है। जिससे आने-जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मीट की दुकानों के पास आवारा कुत्ते रहते हैं, जो लोगों को काट भी लेते हैं।
मोहल्ला खटीकान में मीट की दुकानों को बंद करवाने को लेकर लोग कई बार शिकायत भी कर चुके है। हालांकि शिकायत के बाद नगर पालिका की ओर से एक-दो बार कार्रवाई करने के बाद फिर से दुकानदार अपनी दुकान खोल लेते है। शहर में इन दिनों मोहल्ला वाल्मीकि, मोहल्ला खटीकान, अटेली रोड, महायचान मोहल्ला व रेवाड़ी रोड पर मीट का खुला कारोबार चल रहा है। जिस ओर नगरपालिका प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
नियम के अनुसार शहर में मीट की दुकानों के लिए अलग से स्थान होना चाहिए। दुकानदारों को दुकान चलाने के लिए नगर पालिका से अनुमति लेनी होती है। रिहायशी कॉलोनियों में मीट की दुकान चलाना गलत है, लेकिन यहां दुकानदार कोई भी नियम नहीं मान रहे हैं। शहर में सुबह शाम मीट की दुकानें खुली रहती हैं व इन सभी दुकानदारों के पास मीट काटने के लिए बड़े-बड़े तेजधार हथियार रखना भी कानूनी जुर्म है।
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