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राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान उभरे आदर्शों और मूल्यों का प्रतिबिंब भी है संविधान में

संविधान में केवल शासन व्यवस्था को संचालित करने वाले सिद्धांतों व लक्ष्यों का निर्देश न होकर राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान उभरे आदर्शों व मूल्यों का प्रतिबिम्ब है। यह विचार प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जीडीसी मेमोरियल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संविधान दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को संविधान के महत्व के बारे में बताते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विद्यार्थियों ने भी संविधान दिवस के बारे में विभिन्न प्रस्तुतियां दी। इसके बाद विद्यार्थियों को संविधान प्रस्तावना की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर कॉलेज स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे।

अधिवक्ताओं ने वेबिनार में ली संविधान की शपथ

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र डिमरी के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिखा के मार्गदर्शन में एडीआर सेंटर में गुरुवार को संविधान दिवस के अवसर पर एक वेबिनार कार्यक्रम किया। इस दौरान वेबिनार से जुड़े अधिवक्ताओं ने संविधान की शपथ भी ली। अधिवक्ता पवन चौहान ने बताया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में गठित संविधान निर्माता समिति ने संविधान का निर्माण किया। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को हमारे देश का संविधान बनकर तैयार हुआ।

उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी नहीं भूलना चाहिए। हमें संविधान में दिए गए मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करनी है। वेबिनार से भिवानी व दादरी से अधिवक्ता व पैरा विधिक स्वयं सेवक, बीआरसीएम, बिट्स कॉलेज व दादरी से जनता कॉलेज व एपीजे कॉलेज से अध्यापक व विद्यार्थी भी जुड़े।



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