
मुरथल कचरा प्लांट में ट्रायल की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। जिसके अंतर्गत ट्रायल अब अगले महीने नहीं बल्कि अगले साल होगा। एजेंसी ने इसके लिए नगर निगम को भी सूचित कर दिया है। जिसमें बताया गया है कि एजेंसी फरवरी में ट्रायल करेगी और मार्च में काम शुरू कर देगी।
90 प्रतिशत कार्य पूरा, मशीनरी सभी पहुंची
प्रदेश के इस पहले कचरा निस्तारण प्लांट का 90 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त सभी मशीन भी यहां पहुंच चुकी हैं, एजेंसी की विभिन्न टीमें अब उन्हें फिट करने के साथ ही उनकी वर्किंग कंडीशन को निरंतर देख रही हैं। एजेंसी की ओर से मशीनों को लेकर जो ट्रायल अब तक किए गए थे, वह सही रहे हैं, लेकिन कचरा प्रबंधन एवं बिजली निर्माण से जुड़े ट्रायल को अब अगले साल ही संचालित किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते करीब छह महीने तक प्लांट पर कार्य प्रभावित रहा। एजेंसी के मुताबिक निर्माण में देरी के कारण इसका बजट 176 करोड़ से बढ़कर करीब दो सौ करोड़ के पार पहुंच गया।
हर दिन आठ मेगावाट बिजली उत्पादन का है लक्ष्य
इस प्लांट में सोनीपत व पानीपत निगम क्षेत्र के अलावा गन्नौर व समालखा नगर निकाय क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का भी निस्तारण होगा। यह प्रतिदिन 650 टन कचरा का निस्तारण कर आठ मेगावाट विद्युत उत्पादन करेगा। वहीं, कचरे से बायोगैस, ईट एवं खाद भी तैयार की जाएगी। इस आठ मेगावाट बिजली से करीब 20 गांव को 24 घंटे रोशन किया जा सकता है।
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