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गलती सुधार का ऑप्शन तो दिया मगर नया सदस्य जोड़ने और मृतकों के नाम काटने का कोई विकल्प दिया नहीं

परिवार पहचान पत्र को लेकर सरकार अलर्ट है। प्रशासनिक टीम को निजी स्कूल व गांवों में कैंप लगाकर आईडी बनाने के निर्देश जारी किये हुए हैं। पोर्टल पर गलती सुधार करने का ऑप्शन भी ओपन कर दिया, लेकिन पंजीकृत कार्ड में नवजात शिशुओं का नाम जोड़ने तथा मृतकों के नाम हटाने संबंधी कोई विकल्प नहीं है, जिससे परेशान लोगों ने जिला उपायुक्त से समाधान करने की गुहार लगाई है।

आपको बता दें कि सरकार ने ‘एक परिवार-एक आईडी’ तैयार करने का निर्णय लिया है। योजना के मुताबिक प्रत्येक परिवार का पहचान पत्र बनाया जाएगा, जिसमें परिवार के सभी सदस्य और उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, जमीन का विवरण, इनकम ब्यौरा तथा कारोबार संबंधी जानकारी दर्ज की जाएगी। सरकार का दावा है कि फैमिली आईडी बनने के बाद अन्य दस्तावेज साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। एक आईडी से सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लिया जा सकेगा।

प्रत्येक परिवार को पहचान पत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने जिला लेवल पर जिम्मेदारी निर्धारित कर दी है। प्रशासनिक निर्देशानुसार ग्रामवार ऑपरेटर, सीएससी संचालक नियुक्त कर दिए गए हैं। बीते करीब तीन महीने से परिवार पहचान पत्र बनाने का काम चल रहा है, किंतु पोर्टल पर गलती सुधार करने का ऑप्शन नहीं है, जिस कारण कई परिवार इस आईडी की सुविधा से वंचित हैं। शिकायत मिलने पर विभाग ने पोर्टल को अपडेट कर दिया है। अब वोटर कार्ड, जन्मतिथि, इनकम तथा जमीन के प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत करके गलती को दुरुस्त करवा सकते हैं।

मगर अब समस्या ये है कि पोर्टल अपडेट होने के बावजूद इसमें शिशुओं का नाम शामिल करने या मृतकों का नाम काटने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर लोग सीएससी, सरल केंद्र तथा एडीसी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के कारण अधिकतर परिवारों का पहचान पत्र अधर में लटका हुआ है। दूसरी ओर जिला प्रशासन ने फैमिली आईडी को तत्परता से कंप्लीट करने के निर्देश दिए है, ऐसा नहीं करने पर सरकारी राशन, पेंशन जैसी सुविधाओं से वंचित करने का अल्टीमेटम दिया गया है। ऐसे में लोगों की दुविधा बढ़ गई है।

गलती सुधार होने पर पेंशन के आवेदन शुरू

ढाणी बाठोठा सीएससी के संचालक बिरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग ने परिवार पहचान पत्र के पोर्टल पर गलती सुधार का ऑप्शन ओपन कर दिया। इसके बाद से बुढ़ापा, विधवा, दिव्यांग पेंशन के आवेदन शुरू हो गए। क्योंकि पहले दस्तावेज कंप्लीट नहीं होने के कारण पहचान पत्र जनरेट नहीं हो रहा था।



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Had given the option of rectifying the mistake but not given any option to add a new member and cut the names of the dead


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