नपा ने सीएससी संचालकों को जारी की हिदायतें, परिवार पहचान पत्र के नाम पर फीस वसूली की तो किया जा सकता है लाइसेंस सस्पेंड

परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए पैसे ऐंठने वाले कॉमन सर्विस सेंटर के संचालकों को नगरपालिका प्रशासन ने सख्त हिदायत जारी कर दी है। नगरपालिका अधिकारियों के मुताबिक परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) बनाने के लिए कोई भी सीएचसी संचालक फीस नहीं वसूल सकता, क्योंकि पीपीपी बनाने के लिए सरकार सीएससी संचालकों को 20 रुपए प्रति एंट्री देती है। उपभोक्ता के लिए पीपीपी निशुल्क है। यदि कोई सीएससी संचालक पीपीपी की एवज में चार्ज वसूलता है तो उसको लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
शुक्रवार को नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा ने काॅन्फ्रेंस हाल में अटल सेवा केंद्र (सीएससी) के संचालकों की बैठक ली। शर्मा ने कहा कि पीपीपी प्रदेश सरकार का उपक्रम है। सरकार ने परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किया है। क्योंकि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के आधार पर ही मिलेगा। कोई भी व्यक्ति बिना किसी फीस के अपना फैमिली कार्ड बनवा सकता है। नगरपालिका ने भी 17 वार्डों में अटल सेवा केंद्र निर्धारित किए हैं, ताकि वार्डवासियों को कार्ड बनवाने के लिए ईधर-उधर न जाना पड़े।
उन्होंने सीएससी संचालकों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि चूंकि सरकार कार्ड बनाने पर संचालक को 20 रुपए प्रति कार्ड दे रही है इसलिए किसी भी व्यक्ति से कार्ड के नाम पर कोई फीस न वसूले। यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। दोषी पाए जाने पर लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।
नगरपालिका सचिव शर्मा के मुताबिक, पीपीपी सभी परिवारों के लिए जरूरी है। कार्ड बनवाने की सुविधा भी निशुल्क है। बावजूद इसके लोग फैमिली कार्ड बनवाने में कम रूचि ले रहे हैं। अब तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो घरौंडा शहर में कुल 10 हजार 109 परिवार हैं, लेकिन इनमें से अभी तक केवल 4728 परिवारों ने ही फैमिली कार्ड बनवाया है, जो कि लगभग 46 प्रतिशत है। सचिव ने कहा कि प्रत्येक सीएससी संचालक की जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों को फैमिली कार्ड बनवाने के प्रति जागरूक करें। साथ ही फैमिली कार्ड से होने वाले फायदों से भी अवगत करवाए।
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