
खटकड़ टोल पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना 12वें दिन बुधवार को भी जारी रहा। ठंड के मौसम के बाद भी सुबह से ही किसानों का यहां पहुंचाना शुरू हो गया था। हरियाणवी कलाकारों द्वारा किसानों में देशभक्ति सहित अन्य रागिनियों से जोश पैदा किया। किसान नेता सुरेश कोथ धरना स्थल पर पहुंचे। 7 जनवरी को केएमपी पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च में अधिक से अधिक ट्रैक्टर क्षेत्र से लेकर जाने के लिए किसानों से आह्वान किया गया।
सुरेश कोथ ने कहा कि सरकार ने तीनों काले कानूनों को अगर रद्द नहीं किया तो 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर किसान ट्रैक्टर परेड करेंगे। देशभर के करोड़ों किसान ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। किसानों की ताकत का अहसास सरकार को कर देंगे जो घमंड में आज चूर है। आज दिल्ली बॉर्डर पर अपने हकों की मांग के लिए किसान धरना दे रहे हैं। बच्चे, महिलाएं भी इस धरने में शामिल हैं। सर्दी के मौसम में 50 से ज्यादा किसानों की मौत वहां हो चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह उनके निधन पर संवेदना तक प्रकट नहीं कर रहे हैं। इससे साफ है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से घमंड में है।
किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि किसान 26 जनवरी को लेकर पूरी तैयार करें। इस दिन गांवों से अधिक से अधिक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंचे। जो कानून किसान के हित में केंद्र सरकार बना रही है वो किसान विरोधी है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भी केंद्र सरकार लागू करे। सतबीर पहलवान व ईश्वर फौजी ने कहा कि अब किसान पीछे नहीं हटेगा। किसानों की शुरू से ही दो मांगें प्रमुख हैं जिसमें तीनों कानूनों को रद्द करना, एमएसपी पर कानून बनाना है।
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