
कन्हेली रोड स्थित डेयरी कॉम्प्लेक्स से जुड़े डेयरी संचालकों के लिए खुशखबरी है। अब इस प्रोजेक्ट को और बेहतर ढंग से विकसित करने का पूरा प्लान सिरे चढ़ने जा रहा है। इसके विस्तार का नक्शा 10 साल बाद जमीन की पैमाइश से निकला है। पैमाइश के बाद तय हुआ है कि कॉम्प्लेक्स के साथ लगती 8 एकड़ जमीन पर नगर निगम का अधिकार है।
पहले ये जमीन कन्हेली पंचायत के अधीन थी। जमीन की कमी के कारण ही डेयरी कॉम्प्लेक्स के विस्तार का प्रोजेक्ट अटका था। अब निगम के अधिकारी वाली जमीन में 4 एकड़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होगा। बाकी जमीन में डेयरी संचालकों के लिए प्लाट काटे जाएंगे। इस पहल से शहर में चल रही डेयरियों को बाहर किए जाने की उम्मीद को मजबूती मिली है। क्योंकि इस कॉम्प्लेक्स में मात्र 270 प्लाट कट पाए हैं। जबकि नगर निगम के मुताबिक शहर के विभिन्न मोहल्लों में 585 डेयरियां संचालित हैं।
कन्हेली रोड स्थित डेयरी कॉम्प्लेक्स में फिलहाल जहां पर गोबर गैस प्लांट का निर्माण चल रहा है। यह 8 एकड़ जमीन का नया भूखंड उसी के साथ लगता है। यहां पर अम्रुत योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया जाना है। प्रोजेक्ट की माॅनिटरिंग कर रहे निगम अधिकारी ने बताया कि मार्च 2021 में एसटीपी का निर्माण शुरू होगा। अगले 3 माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य लिया गया है।
हुडा के इंकार के बाद शुरू की थी दूसरी जमीन की तलाश
डेयरी कॉम्प्लेक्स के विस्तार का प्लान तैयार करने के बाद निगम की ओर से हुडा विभाग से जमीन मांगी गई थी। ये जमीन डेयरी कॉम्प्लेक्स के साथ लगती है। लेकिन हुडा विभाग ने अपनी जमीन देने से मना कर दिया। इसके बाद निगम ने कन्हेली रोड डेयरी कॉम्प्लेक्स के आसपास की जमीन की पैमाइश कराई तो वहां 8 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक निगम का ही निकला।
ये नई चुनौती: वेंडर चाहते हैं ये प्रोजेक्ट दिल्ली रोड पर आबाद हो
दिल्ली रोड पर श्री दुर्गा भवन मंदिर के पास लगभग 100 वेंडर हैं। जो मवेशियों की सेल-परचेज से जुड़े हैं। इनकी रुचि कन्हेली रोड डेयरी कॉम्प्लेक्स में जाने में रुचि नहीं है। सीनियर डिप्टी मेयर ने कन्हेली रोड डेयरी कॉम्प्लेक्स की बजाए दिल्ली रोड पर कॉम्प्लेक्स विकसित कर सेल-परचेज से जुड़े वेंडरों को आबाद करने की मांग उठाई थी। यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में भी लाया जा चुका है। लेकिन अभी तक सेल-परचेज से जुड़े वेंडरों के लिए नगर निगम कोई ठोस पहल नहीं कर पाया है।
डेयरियों को शहर से बाहर ले जाना निगम के लिए चुनौती
शहर में संचालित 585 डेयरियां नगर निगम के लिए चुनौती बनी हुई है। नालियों में गोबर बहाए जाने और गोबर व कचरे का निस्तारण सही ढंग से नहीं किए जाने से ओवरफ्लो व जाम हो रहे सीवर व डेयरियों के आसपास गंदगी की शिकायतें बढ़ती जा रही है। शहर से इन डेयरियों को बाहर किए जाने के लिए नगर निगम ने कन्हेली रोड पर 37 एकड़ में डेयरी कॉम्प्लेक्स विकसित करने का फैसला लिया। यहां पर 270 डेयरी संचालकों को प्लाट आवंटित किए जाने थे। लेकिन इसमें से 251 डेयरी को प्लाट अलॉट कर दिए गए हैं। बाकी प्लाट बैलेंस हैं। इसमें से 85 संचालकों ने डेयरी कॉम्प्लेक्स में कंस्ट्रक्शन करके शहर से अपनी डेयरी शिफ्ट कर ली है।
10 साल पहले कन्हेली हुआ था निगम में शामिल
रोहतक शहर को नगर निगम का दर्जा वर्ष 2010 में मिला था। इस दौरान आसपास के आठ गांवों की पंचायतों को भंग कर उन्हें निगम दायरे में शामिल किया गया था। कन्हेली गांव भी इसमें शामिल है। निगम में शामिल होने के बाद पंचायत के अधिकार क्षेत्र की जमीन नगर निगम को हस्तांतरित हुई थी। डेयरी कॉम्प्लेक्स को हुडा द्वारा अपनी जमीन देने से इंकार के बाद निगम ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो इस जमीन का पता चला।
पहले हुडा विभाग से जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन हुडा के अधिकारियों से मना कर दिया। बाद में पैमाइश के दौरान विकसित हो रहे डेयरी कॉम्प्लेक्स के साथ लगती 8 एकड़ जमीन निगम की निकली है। इसमें साढ़े 3 एकड़ में डेयरी संचालकों के लिए प्लाट काटेंगे। -मनमोहन गोयल, मेयर नगर निगम।
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