
सिरसा राेड स्थित पाॅलीटेक्निक काॅलेज में शुक्रवार काे पाइथन प्रजाति का 8 फीट लम्बा अजगर निकल आया। जिससे अध्यापक और बच्चाें में दहशत फैल गई। मामले की सूचना पाते ही वन्य प्राणी विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वर दास माैके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अजगर काे पकड़ा गया। तब कहीं जाकर अध्यापक और बच्चाें ने भी राहत की सांस ली।
दाेपहर के समय अध्यापकाें ने काॅलेज के अंदर झाड़ियाें में एक अजगर काे देखा। जिससे अध्यापक और बच्चाें में हड़कंप मच गया। अजगर काे देखने के लिए आसपास के लाेग भी पहुंच गए। वन्य प्राणी विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वर दास ने बताया कि दाेपहर करीब 2 बजे सूचना मिली कि पाॅलीटेक्निक काॅलेज में अजगर निकल अाया है। सूचना पर वह तुरंत माैके पर पहुंच गए थे। वन्य प्राणी प्रेमी ईश्वर सिंह की सहायता से अजगर काे पकड़ा गया। जिसे जंगल में छाेड़ा जाएगा।
जिले में छह माह में मिल चुके 18 अजगर
माैसम में नमी, वातावरण अनुकूल मिलने के कारण हिमाचल प्रदेश और अरावली की पहाड़ियाें में रहने वाले इंडियन पाइथन प्रजाति के अजगर अब हिसार जिले का रूख कर रहे हैं। छह माह में वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी जिले के विभिन्न स्थानाें से 18 अजगर पकड़ चुके हैं। विभाग के अधिकारियाें काे आशंका है कि अजगर का कुनबा अभी हिसार के जंगल में ही छिपा हुआ है।
विभागीय अधिकारी अजगर के कुनबे काे तलाशने में जुट गए हैं। यही नहीं इस बारे में वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियाें काे भी रिपाेर्ट भेजी गई है। वन्य प्राणी विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर रामेश्वर दास का कहना है कि पिछले कुछ समय से हिसार का माैसम बदला है।
नमी अधिक रहने तथा जंगल का वातावरण अनुकूल मिलने के कारण ही अजगर हिसार की तरफ रुख कर रहे हैं। अजगर दबाव पड़ने पर ही मनुष्य काे काटता है। यह छाेटे वन्य जीव खरगाेश, बिल्ली आदि का शिकार कर लेता है। यह अधिकतर पहले से बने हुए बिलाें के अंदर ही रहता है।
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