
कोरोना से बचाव का टीका 16 जनवरी से लगेगा। प्रथम फेज में करीब 16 हजार फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने छह सेशन साइट्स का चयन किया है। इनमें बरवाला व आदमपुर सब डिविजनल अस्पताल, सेक्टर 1-4 अर्बन हेल्थ सेंटर, चौधरीवास पीएचसी, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और जिंदल अस्पताल शामिल है। यहां पर 100-100 वर्करों का रोज टीकाकरण होगा। प्राथमिकता रहेगी कि सबसे पहले संबंधित साइट्स के वर्करों को पहली डोज लग जाएगी।
14 जनवरी तक वैक्सीन हिसार के रीजनल वैक्सीन स्टोर में पहुंच सकती है। यहीं से हिसार सहित फतेहाबाद, भिवानी, सिरसा, जींद और चरखी-दादरी में सप्लाई होगी। पहली व दूसरी डाेज के लिए सभी छह जिलाें काे करीब एक लाख से सवा लाख वैक्सीन चाहिए। डीआईओ डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि तैयारियां पूरी हैं। वैक्सीन के का इंतजार है। 27 सीएचसी-पीएचसी, 10 बड़े निजी अस्पताल, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज को सेशन साइट्स बनाकर फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन कर सकते हैं।
सिविल अस्पताल स्थित रीजनल वैक्सीन सेंटर में थ्री लेयर और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कोरोना की वैक्सीन सुरक्षित रहेगी। सेंटर के अंदर सेंट्रल रूम में वैक्सीन रखी जाएगी। यहां पर डी-फ्रिज, फ्रिज रखे हैं। पास ही वॉकिंग कूलर इंस्टॉल्ड हैं। तीन दरवाजे खोलकर ही वैक्सीन तक पहुंचा जा सकेगा। वहीं, वैक्सीन की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी तैनात होंगे। इस सेंटर की देखरेख व वैक्सीन सप्लाई का प्रभारी फार्मेसी ऑफिसर रमेश और स्टाफ नर्स सुदेश हैं, जिन्होंने सेंटर में वैक्सीन की स्टोरेज की व्यवस्था बनवाई है।
कोरोना वैक्सीनेशन जल्द होने वाली है। इसलिए पल्स पोलियो अभियान स्थगित कर दिया है। यह 17 जनवरी से शुरू होना था। अब प्रथम फेज के फ्रंटलाइन वर्करों को प्रथम डोज लगने के बाद ही पोलियो से बचाव की दो बूंद बच्चों को पिलाई जाएगी। ऐसा इसलिए भी कि वैक्सीन स्टोर में कोरोना से बचाव व पोलियो से बचाव की वैक्सीन एक साथ नहीं रखी जा सकती है। स्पेस की समस्या रहेगी व वैक्सीन की देखभाल एवं सप्लाई में दिक्कतें आएंगी।
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