
शहर के प्राचीनतम सिद्ध श्री देवी मंदिर में मां भद्रकाली व भैराे के लिए मठ मंदिर तैयार किया जा रहा है। मठ मंदिर का डिजाइन विशेष रूप से झारखंड ने इटखोरी स्थित भद्रकाली मंदिर के जैसा ही तैयार किया जा रहा है। इटखोरी के मंदिर की पूरे विश्व में एक अलग ही पहचान है। मां भद्रकाली व भैराे मंदिर पर समिति ने 50 लाख रुपए से ज्यादा के खर्च का एस्टीमेट बनाया है। मंदिर निर्माण पूरा हाेने के साथ श्रद्धालुओं काे परिक्रमा करने की भी सुविधा मिलेगी। अब से पहले पुराने मंदिर में यह सुविधा नहीं थी।
श्री अग्रवाल वैश्य पंचायत के प्रधान काकू बंसल का कहना है आज की आबादी नए जमाने की है। युवा पीढ़ी की साेच काे ध्यान में रखकर मंदिराें काे इस तरह से डिजाइन दिया जाने लगा है कि ये पर्यटन केंद्र भी बने। मंदिर का डिजाइन कुछ इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि इस पर खर्च भी कम आए। अब तक पुराने मंदिर में नीचे पड़ चुके थे।
मंदिर की बाहर व आंतरिक दीवाराें पर राजस्थान के ही पत्थर लगाए जाएंगे, जाेकि देखने में भी बहुत ही आकर्षित हाेंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं काे मंदिर में आने पर अलग ही अनुभूति हाे, इसके लिए स्पेशल डिजाइन तैयार किए गए हैं। अब तक मंदिर की दीवारें व परिक्रमा वाले चबूतरों की नींव खाेदी जा रही है। समिति का कहना है कि बेशक नए मंदिर का आकार बहुत बड़ा नहीं रहेगा, लेकिन आकर्षक हाेगा। मंदिर निर्माण के लिए विशेष रूप से राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर से 7 कारीगराें की टीम बुलाई गई है। टीम मजदूर भी अपने साथ ही लेकर आई है।
देवी मंदिर के प्रांगण में इस समय मां दुर्गा, कालीमाता, लक्ष्मी नारायण, राम परिवार, शिव परिवार, श्री राणा कृष्ण, हनुमान मंदिर, हरिहर भगवान, शनि देव मंदिर व नवग्रह मंदिर है। श्री देवी मंदिर की देखरेख श्री अग्रवाल वैश्य पंचायत करती है। समिति में प्रधान के अलावा 7 अन्य पदाधिकारी और हैं। 550 सदस्याें में से चुनी गई 21 सदस्याें कार्यकारिणी प्रधान समेत अन्य पदाधिकारियों का चुनाव करती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38wNNgT