
महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने वन स्टॉप सेंटर योजना लागू की है। महिला आश्रम में वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है, जहां पर पीड़ित महिलाओं को सुविधाएं प्रदान की जाती है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 181 भी जारी किया गया है जिस पर महिला उत्पीड़न के बारे में सूचना देकर सुविधाएं प्राप्त कर सकती है।
योजना के तहत किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, 5 दिन का अस्थाई आश्रय रहना व खाना आदि सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि योजना के तहत घरेलू हिंसा, मारपीट, दुष्कर्म, लैंगिक उत्पीड़न, भावनात्मक उत्पीड़न, बाल विवाह, महिला तस्करी, दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक, साइबर क्राइम, लावारिस महिलाएं आदि को शामिल किया गया है। वन स्टॉप सेंटर पीड़ित महिलाओं के लिए एक सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है।
वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर तक सशक्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया जाता है। डीसी ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में पीडि़त महिलाओं को पुलिस मेडिकल कानूनी व मानसिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उनका कानूनी मार्गदर्शन करने के साथ-साथ काउंसलिंग करने का कार्य भी किया जाता है। इसके अलावा 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां तथा सभी महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती है। यह एक ऐसी योजना है जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेगी। महिलाओं को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर के बारे में जानकारी दें।
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