
फिल्मी दुनिया के किस्से कहानियों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आई वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब हिसार की मंगल मिलन मीटिंग। वेब गोष्ठी में अनवर जमाल किदवई और मीडिया विशेषज्ञ डॉ. ग्यासुर रहमान सैयद ने फिल्म निर्माण की रोचक बारीकियों को समझाया। उसके बाद वानप्रस्थ के सदस्यों ने फिल्मी गीतों का मनोरंजक कार्यक्रम पेश किया।
गोष्ठी का संचालन कर रहे दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह ने संबोधित किया। गोष्ठी में लगभग 35 व्यक्तियों ने भाग लिया। प्रो. सैयद ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में भारत में बनती हैं पर विश्व सिनेमा में उनका स्तर बहुत ऊंचा नहीं है। क्योंकि हमारी फिल्मों को व्यावसायिक दृष्टि से बनाया जाता है, कला के मानदंडों से नहीं।
डॉ. किरण ख्यालिया ने ‘सुरमई अखियों में नन्हा मुन्हा एक सपना देजा रे’ सुनाया। डॉ. आर के सैनी ने भी प्रस्तुति दी। योगेश सुनेजा ने ‘एक हसीं शाम को दिल मेरा खो गया की प्रस्तुति दी। वीना अग्रवाल ने ‘लाडली’ फिल्म का गीत ‘मेरा मुस्कुराने को जी चाहता है’ पेश किया। वानप्रस्थ संस्था के जनरल सेक्रेटरी डॉ. जे के डांग ने बताया कि 16 दिसंबर को ‘संगीत का सफर: लोक संगीत से पॉप संगीत तक’ विषय पर वेब गोष्ठी होगी।
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