हर संडे बच्चाें के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे परिवार, पहले गेम फिर सभी साथ बैठकर करते हैं कम्युनिटी लंच

कोरोना काल में जहां छोटे बच्चे बाहर नहीं जा पा रहे थे। स्कूल बंद रहे। ऐसे में अब घर से बाहर सुखद और सकारात्मक माहौल देने के लिए श्रीराधा-कृष्ण बड़ा मंदिर के महंत राहुल शर्मा ने एक पहल की है। महंत राहुल शर्मा पिछले चार हफ्तों से हर रविवार को परिवार मिलन समारोह का आयोजन कर रहे हैं।
पार्क हर बार करीब 8 से 10 परिवार अपने बच्चों के साथ आते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य बच्चों को संस्कृति और विरासत से जोड़कर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के रास्ते पर लेकर जाना है। नई पीढ़ी के लाइफ स्टाइल को देखते हुए उन्हें संस्कृति से रूबरू कराया जा सके। हर बार नये परिवार कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं।
कबड्डी, खो-खो जैसे खेलाें के जरिये भरते हैं रोमांच
हर बार बच्चों के साथ कबड्डी, खो-खो, लॉन्ग जम्प और लगड़ी टांग जैसे खेल खेलकर रोमांच भरा जाता है। इन खेलों में केवल बच्चे ही नहीं परिवार के सभी सदस्य शामिल हाेते हैं। जिससे परिवार के लाेगों के साथ बिताकर बच्चों और पेरेंट्स के बीच के रिश्ते को भी मजबूती मिलती रहे। सम्मेलन दोपहर 12 बजे के करीब किया जाता है जब धूप खिली रहती है। इससे सभी को विटामिन डी भी मिल जाती है जो इस दौर में हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है। ये सभी परिवार एक साथ मिलकर पार्क में ही कम्युनिटी लंच करते हुए क्वालिटी टाइम बिताते हैं। लंच के लिए हर परिवार अपने-अपने घर से कोई न कोई व्यंजन बनाकर लाता है।
काेशिश यही, बच्चे जमीन से जुड़ाव महसूस करें
राहुल शर्मा ने कहा कि आजकल के बच्चे अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। जिन मिट्टी के चूल्हे, कुल्हाड़ी, पुराना पहनावा और ठेठ बोली इन चीजों का अस्तित्व हमारे आस-पास के गांवाें में आज भी बरकरार है मगर इन सब चीजों को बड़े-बड़े शहरों में म्यूजियम में सजाया गया है। इन्हीं चीजों से बच्चों का परिचय करवाने के लिए आस-पास के गांवों बच्चों की विजिट करवाई जाती है। उन्हें खेत-खलिहान, गाय, भैंस सहित हर उस चीज से रूबरू करवाने की कोशिश की जाती है जिससे बच्चे पुरातन संस्कृति से जुड़ाव महसूस कर सके।
इस परिवार मिलन समारोह से लोगों को मिल रहे फायदे
1. पेरेंट्स और बच्चों के बीच क्रिएट हो पाती है स्पेशल बॉन्डिंग।
2. आस-पास के गांवों में घूमने से अपनी संस्कृति और पुरानी धरोहरों से हो पाता है परिचय।
3. आउटडोर गेम्स खेलने से बच्चों में लीडरशिप, कम्पीटिशन और कोऑपरेशन की भावना पैदा हो पाती है।
4. धूप में समय बिताने से बॉडी को विटामिन डी मिल पाता है, जिससे बच्चे एक्टिव और एनर्जीटिक रह पाते हैं।
5. महिलाओं को भी घर की जिम्मेदारियों से दूर एंटरटेनमेंट का मिल पाता है मौका।
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