
ऑक्सीजन नष्ट करने, पर्यावरण, भूजल और पब्लिक के हेल्थ को नुकसान पहुंचाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के फैसले के बाद रिफाइनरी ने जो 25 करोड़ का हर्जाना जमा कराया था, उससे अब सुधार के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। पेयजल सुधारने के लिए रिफाइनरी के आसपास के 8 गांव के ट्यूबवेल बदले जाएंगे। हवा के लिए आसपास 2.43 लाख पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही पब्लिक को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त एंबुलेंस लगाई जाएगी। पानीपत विकास एवं पंचायत ऑफिसर ने तो पौधरोपण के लिए आसन कलां में 34 एकड़ में जमीन खाली होने की जानकारी भी दी है।
एनजीटी की बनाई कमेटी ने रिफाइनरी पर 659.30 करोड़ रुपए का हर्जाना लगाया था। इस पर अंतिम फैसला इन सुधार कार्यक्रम को देखते हुए लिया जाएगा। इससे पहले एनजीटी ने रिफाइनरी से 25 करोड़ रुपए हर्जाना जमा करवाया था। क्या-क्या और कैसे सुधार कार्यक्रम चलाए जाएंगे, इसके लिए डीसी धर्मेंद्र सिंह, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. नरेंद्र शर्मा और हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के रिजनल ऑफिसर कमलजीत सिंह की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 6 जनवरी 2021 को अपनी रिपोर्ट एनजीटी में भेज दी है। इसमें सुधार के लिए ये बातें लिखी है।
रिफाइनरी ने केमिकल युक्त पानी और एयर प्रदूषण से खराब किया पर्यावरण
रिफाइनरी ने केमिकल युक्त पानी का सही ट्रीटमेंट न करने और एयर प्रदूषण से आसपास के गांवों की हवा खराब तो की ही, भूजल को भी खराब कर दिया। इससे पब्लिक के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा।
जल सुधार: 30 जून तक का समय
रिफाइनरी के कारण मेहंदीपुर में 8.58, महमदपुर में 8.61 और खोड़ा खेरी में 9.87 पीएच मिला। इसी तरह से ददलाना में फ्लोराइड 1.51 और कुताना में 1.61 एमजी प्रति लीटर मिला। आयरन की मात्रा भी ज्यादा मिली। बड़ौली में 2.239 और बाबरपुर में 1.209 एमजी प्रति लीटर आयरन मिला। 30 जून तक ट्यूबवेल बदलेगा।
वायु सुधार: 10 साल में बढ़ेंगे पौधे
थिराना ड्रेन और रिफाइनरी के आसपास के साथ ही नजदीक के गांव में 47 तरह के 2 लाख 43 हजार 390 पौधे लगाए जाएंगे। जो 6 से 8 फीट के लंबे होंगे। इन पौधों को बढ़ने में 10 साल लगेंगे। उसी का हिसाब लगाकर इतने पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए 31 दिसंबर 2021 तक समय तय किया है।
स्वास्थ्य: एंबुलेंस आ, कैंप लगेगा
फर्स्ट एड की सुविधा देने के लिए ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस लगाई जाएगी। साथ ही सिठाना, कुटाना, बोहली, बेगमपुर और रेरकलां में मेडिकल कैंप लगाकर ग्रामीणों के हेल्थ की जांच की जाएगी।
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