फूड सेफ्टी विभाग द्वारा इस साल जिले में लिए 108 मिठाइयों के सेंपल में से 17 सेंपल फेल मिले हैं। वहीं दिवाली के नजदीक भी सीएम फ्लाइंग के साथ मिलकर फूड सेफ्टी टीम ने 25 सेंपल लिए थे। इनमें से मात्र 1 सेंपल ही फेल मिला है। लेकिन यह सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह सभी सेंपल मिठाइयों की पूरी खरीद होने के बाद आती है। जब तक तो यह मिठाइयां लोगों के स्वास्थ्य पर पूरा असर डाल चुकी होती है।
फिलहाल इस वर्ष दादरी, बाढड़ा, बौंद कलां व झोझू कलां क्षेत्र से सेंपल लिए गए थे। इन जगहों पर खाद्य सामग्री बेचने वालों के सेंपल लिए गए थे। जिले में 17 सेंपल फेल आने पर प्रतिष्ठान संचालकों को रिमाइंडर के तहत नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अभी भी इस साल लिए 13 सेंपल की रिपोर्ट आनी बाकि है।
फूड सेफ्टी ने टीम ने जिन प्रतिष्ठानों के सेंपल फेल मिले हैं उन्हें रिमाइंडर डालने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। इस नोटिस के आधार पर प्रतिष्ठान संचालक दोबारा सेंपल जांच करवाने से मना भी कर सकते हैं जिस स्थिति में तुरंत उसके खिलाफ एडीसी कोर्ट में केस डाला जाएगा। वहीं नोटिस के आधार पर जो संचालक अपना सेंपल दोबारा जांच करवाना चाहता है वह अपने खर्चे पर दोबारा लैब में जांच करवा सकता है। अगर फिर भी यह फेल मिले तो एडीसी कोर्ट में मामला डाला जाएगा।
जुर्माना राशि और सजा रिपोर्ट के आधार पर एडीसी कोर्ट करता है तय
सेंपल फेल पाए जाने की स्थिति में जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। जुर्माना राशि और सजा रिपोर्ट के आधार पर एडीसी कोर्ट तय करता है। अब जो 17 सैंपल फेल पाए गए हैं उनके रिमाइंडर का जवाब नहीं आता तो फिर विभाग एडीसी कोर्ट में केस सुनवाई के लिए डालेगा। इस दोरान पूरे तथ्यों के आधार पर लैब की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके बाद एडीसी कोर्ट प्रतिष्ठान संचालक पर जुर्माना राशि और सजा सुनाएगी।
फेस्टिवल सीजन के दौरान मिलावटी मिठाइयां बिकने का अंदेशा रहता है ज्यादा, लॉ क्वालिटी शरीर में करती है नुकसान
फूड सेफ्टी टीम ने जिले में दादरी, बाढड़ा, बौंद कलां व झोझू कलां से इस साल करीब 121 सेंपल लिए हैं। इन सैंपलों में से 108 सेंपलों की रिपोर्ट अब तक आई है और 13 सेंपलों की रिपोर्ट आनी बाकि है। यह 13 सेंपल नवंबर व दिसंबर में लिए गए थे। फेस्टिवल सीजन के दोरान मिलावटी मिठाइयां बिकने का अंदेशा ज्यादा रहता है। वहीं 108 सेंपलों में से 17 सेंपल फेल आए हैं। यह सेंपल रसगुल्ले, गुलाब जामुन, खोआ बर्फी और तीसा के लिए गए थे। इनमें ज्यादातर के अंदर तो घी और खोआ के रिजल्ट फेल मिले हैं। वहीं कई मिठाइयों के सेंपल सब स्टैंडर्ड भी पाए गए हैं जिनकी क्वालिटी बेहतर नहीं थी। किसी में मीठा ज्यादा था और किसी में चिकनाई ज्यादा पाई गई। कोई भी चीज जो क्षमता से ज्यादा होती है वह शरीर पर बूरा असर डालती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34Y53cv