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किसानों के साथ सरकार की वार्ता बेनतीजा रही तो जनवरी के पहले सप्ताह में और तेज होगा आंदोलन

राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। टोल प्लाजा पर बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि 31 दिसंबर को सरकार व किसान संगठनों के बीच होने वाली वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो किसान सिर्फ धरने प्रदर्शनों तक सीमित नहीं रहेंगे। जनवरी के पहले सप्ताह में ही किसानों का आंदोलन तेज हो जाएगा। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।

मंगलवार को बसताड़ा टोल प्लाजा पर कृषि कानूनों के विरोध में जारी क्रमिक भूख हड़ताल में छह किसान बैठे। जहां किसान नेताओं ने अपने भाषणों से किसानों में जोश फूंका, वहीं हरियाणवी रागिनी गायक अमित मलिक ने देशभक्ति रागनियों से किसानों की खूब वाहवाही लूटी। किसान नेता जगदीप सिंह औलख, अजय सिंह राणा, हैप्पी तथा क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे किसान संदीप सिंह बल्लाह, सुखविंद्र असंध, सुखविंद्र गबर, प्रेम काजल, बलविंद्र सिंह असंध ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए किसी डेथ वारंट से कम नहीं है।

सरकार पूंजीपतियों के हाथों में है। इन पूंजीपतियों को किसानों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने बताया कि दिन में हजारों की संख्या में किसान धरने में शामिल हो रहे हैं और रात के समय भी अलग से ड्यूटियां लगाई हुई हैं। किसानों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। लगातार लंगर भी जारी है।



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If the government talks with the farmers are inconclusive, then the movement will intensify in the first week of January.


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