वार्ड -17 से हजपा की राणो देवी को छोड़कर सभी 6 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। जबकि वार्ड-11, 19 व 20 ऐसे वार्ड रहे, जहां सभी प्रत्याशी जमानत बचाने में कामयाब रहे। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के सबसे ज्यादा सभी 20 वार्डों में पार्षद प्रत्याशी थे लेकिन 11 जमानत भी नहीं बचा सके। वार्ड 1, 3, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 15, 16 व 17 में प्रत्याशियों की जमानत राशि गई।
कांग्रेस के 9 पार्षदों ने गंवाई जमानत
- कांग्रेस के 17 वार्डों में प्रत्याशी थे, इनमें से 9 अपनी जमानत गंवा बैठे। इनमें वार्ड 1, 2, 3, 4, 6, 12, 13, 16 व 17 वार्ड हैं।
- हजपा ने 18 प्रत्याशी उतारे थे, इनमें से वार्ड 4, 7 व 10 के प्रत्याशी जमानत नहीं बचा सके।
- भाजपा ने 17 वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारे थे जबकि वार्ड-11 में निर्दलीय सोनम को समर्थन दिया था। वार्ड 17 में पार्टी प्रत्याशी की जमानत नहीं बच पाई। गठबंधन में जजपा ने अपने हिस्से से वार्ड-10 व 14 में प्रत्याशी उतारे थे, दोनों की जमानत जब्त हो गई।
- यहां बता दें कि प्रत्याशी को जमानत बचाने के लिए कुल पड़े वैध मतों का कम से कम छठा हिस्सा लेना जरूरी होता है।
नेताओं का स्ट्राइक रेट
- सीएम मनोहरलाल ने वार्ड 2 व वार्ड 12 में सभाएं की। हालांकि इनमें सभी प्रत्याशी बुलाए गए लेकिन दोनों ही वार्डों में भाजपा हारी।
- सांसद हंसराज हंस ने वार्ड 6, 7 व 13 में वोट मांगे, तीनों जगह भाजपा के पार्षद बने।
- सैलजा ने 5 वार्डों में 7 सभा की, सभी जगह कांग्रेस हारी
- कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला 2 वार्डों में प्रचार के लिए गए, दोनों जगह प्रत्याशी हारे।
रोडमैप बनाकर काम करेंगे : शक्ति रानी
यह जीत जनता की है। शहर में विकास कार्यों के लिए रोड मैप तैयार करेंगे। इसके बाद एक-एक कर विकास कार्य कराएंगे और वादे पूरे करेंगे। हमने चुनाव में किसी के खिलाफ प्रचार नहीं किया, सिर्फ अपनी बात रखी।
शक्ति रानी शर्मा, मेयर
हमारी हार है और स्वीकार करती हूं : वंदना शर्मा
हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है, चुनाव में एक जीतता और एक हारता है। कम वोटिंग एक वजह हो सकती है। पार्टी पदाधिकारी बैठकर समीक्षा करेंगे। पार्टी में भीतरघात जैसी कोई बात नहीं है, हमारा मन साफ है।
डॉ. वंदना शर्मा, भाजपा
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