गांव खेदड़ के पाबड़ा मार्ग पर बनी झुग्गियों में मासूम बच्चियों का गला रेत कर हत्या करने के मामले की जांच करने बुधवार को पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया बरवाला पहुंचे। इस दौरान एसपी ने महिला के पति, सास व वहां आस पास रह रहे अन्य लोगों से बरवाला पुलिस स्टेशन में पूछताछ की। रविवार को हुए दो मासूम बच्चियों के मर्डर के मामले को लेकर अभी तक भी गुत्थी सुलझ नहीं पाई है। वहीं चारयां के गले के हुए ऑप्रेशन के बाद से अभी वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है। पुलिस बिना समय गवाएं इस मामले को सुलझाने के लगातार प्रयास कर रही है इसको लेकर पुलिस विभिन्न एंगलों से जांच में जुटी है। एसपी गंगा राम पूनिया ने गांव के उस चिकित्सक राजेश कुमार से भी बात की जिसके पास झुग्गियों के लोग सबसे पहले उपचार के लिए लेकर गए थे। यही नहीं एसपी ने करीबन 10 से अधिक लोगों से अलग-अलग पूछताछ की।
अभी उलझी हुई है मामले की गुत्थी
मसलन बच्चियों को यदि चारयां द्वारा पहले मारा गया तो चारयां ने यह बात उस समय वहां मौजूद लोगों को क्यों नहीं बताई जब चारयां को एंबुलेंस में ले जाने की तैयारी थी। यदि बच्चियों को अन्य किसी ने मारा था तो चारयां यह बात बता सकती थी कि उसकी बच्चियों को कतल कर दिया गया है। दूसरा झुग्गियों में आस-पास रहने वाली एक दो अन्य महिलाएं भी थी। यदि बाहर से कोई झुग्गियों में पहुंचा होता तो वहां रह रही महिलाओं को तो कम से कम दिखाई देता। लेकिन आस-पास रह रहे लोगों का कहना है कि बच्चियों का कत्ल कब व किसने किया इसका उन्हें कुछ पता ही नहीं चला। यह बात इस लिए पुख्ता भी होती है कि वहां झुग्गियों में रहने वालों को भी चारयां के एंबुलेंस में जाने के करीबन 2 से ढाई घंटे बाद पता चलता है कि चारयां की दोनों बच्चियां झुग्गी के पास एक कंबल के ऊपर व तिरपाल के नीचे मृत पड़ी हैं। यदि इस बात की भनक झुग्गियों में बैठे लोगों को तुरंत पता चल जाती तो हो सकता है कि कुछ अलग ही कहानी निकल कर सामने आती व केस की उलझी हुई गुत्थी सुलझ पाती। बहरहाल पुलिस हर तरह के एंगल पर काम कर इस केस को अंजाम तक पहुंचाने के प्रयास में है।
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