Skip to main content

अध्यापक घर-घर बांटकर आएंगे किताबें, साथ में बच्चों को देंगे होमवर्क

कोरोना महामारी के कारण जहां सभी स्कूल बंद हैं, वहीं जिला शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों को घर बैठे ई-लर्निंग के जरिए शिक्षा दी जा रही है। ई-लर्निंग के साथ-साथ ही अब पहली से आठवीं के लगभग 70 हजार बच्चों को निशुल्क किताबें जिला शिक्षा विभाग द्वारा अगले माह में दी जाएगी।
जून के पहले सप्ताह में ब्लॉक के स्कूलों में नई किताबें प्रकाशित होकर आ रही हैं। जो अध्यापकों की ओर से कोरोना वायरस के चलते घर-घर बांटी जाएंगी। नई किताबों को घरों तक पहुंचाने से पहले सेनेटाइज किया जाएगा। अध्यापक द्वारा घर के बाहर ही अभिभावकों को विद्यार्थियों को पढ़ने की किताबें पहुंचाई जाएगी। नई किताबों से बच्चे अब आसानी से घर बैठे ही अपनी तैयारी कर सकेंगे।
इसके लिए विभाग विद्यार्थियों के सब्जेक्ट अनुसार होमवर्क देगा। जो किताब के थैले में होमवर्क की लिस्ट को डाल दिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग अभिभावक व विद्यार्थियों को कोरोना के बचाव के लिए पत्र किताबों के साथ डालेगा।

स्टार्ट ई- लर्नर को किया जाएगा सम्मानित
शिक्षा के साथ-साथ घरों में रह रहे बच्चों को गतिविधियों के साथ अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। विद्यार्थी वेस्ट मैटीरियल का प्रयोग कर अनेक वस्तु बनाकर अध्यापक के वाट्सएप पर डालेंगे। इसके साथ ही जिस खेल में रुचि है उसमें भाग लेते हुए अपनी गतिविधियां जारी रखेंगे। शिक्षा व खेल में उच्च आने वाले विद्यार्थी स्टार्ट ई-लर्नर को विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा।

स्कूलों में बाउंड्रीवाल, कंडम बिल्डिंग का होगा निर्माण

कोरोना महामारी में स्कूल बंद होने के बाद अब स्कूल के स्टॉफ को ऑफिस का काम करने के लिए बुला लिया गया है। जिन स्कूलों में चार दीवारी नहीं है, कंडम बिल्डिंग है स्कूल का मार्ग खस्ताहाल है। उनका सर्वे शिक्षा अभियान के जेई द्वारा एस्टीमेट बनाकर निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे। इसके साथ ही अध्यापकों को बच्चों को मिड डे मील मई और जून का दूध पाउडर एक साथ वितरित करने के आदेश दिए हैं।

किताबें पहले ब्लॉक के स्कूलों में भेजी जाएंगी
^जून के पहले सप्ताह में विभाग की ओर से पहली से आठवीं कक्षा के हजारों विद्यार्थियों की किताबें पहले ब्लॉक के स्कूलों में भेजी जाएंगी। जिसके बाद अध्यापक कोरोना वायरस के कारण बच्चे घर में सुरक्षित रहे। इसके लिए अध्यापक घर-घर जाकर किताबें बांटेंगे। बच्चों को किताबों के साथ होमवर्क व कोरोना वायरस के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्टार्ट ई-लर्नर को शिक्षा व गतिविधियों में उच्च आने पर सम्मानित किया जाएगा।
-रोहताश वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, करनाल।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TGFxmy

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...