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35 साल की नाैकरी के बाद मिल के सुपरिंटेंडेंट की योग्यता जांच में बताई गलत, डीसी ने दिए चार्जशीट के आदेश, आज होनी है रिटायरमेंट

महम शुगर मिल में तैनात ऑफिस सुपरिंटेंडेंट की 35 साल की नौकरी के बाद शैक्षणिक योग्यता सवालों के घेरे में है। सुपरिंटेंडेंट को प्रमोशन के लिए अयोग्य बताया है। डीसी आरएस वर्मा की ओर से 27 मई को पत्र लिखकर एमडी शुगर मिल को कार्रवाई कर चार्जशीट करने को कहा है। 31 मई को सुपरिंटेंडेंट प्रेम सिंह ढांडा की रिटायरमेंट भी होनी है। फिलहाल दो महीने से वह कोविड-19 के लिए बनाए कंट्रोल रूम में ड्यूटी दे रहे हैं। प्रेम सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को गलत बताते हुए राजनीतिक साजिश बताया है। पहले भी 10 से ज्यादा बार जांच हो चुकी है, हर बार निर्दोष पाया गया है, लेकिन अब इस जांच में उसे बेवजह फंसाया जा रहा है।


ऑफिस सुपरिंटेंडेंट प्रेम सिंह के खिलाफ आर्य नगर के रमेश कुमार और फिर पानीपत के यशपाल मलिक की ओर से शिकायतें दी गई थीं। एडीसी अजय कुमार, एमडी शुगर मिल मेजर गायत्री अहलावत, डीएसपी सज्जन कुमार, दो सदस्यीय विभागीय कमेटी, सीएम विंडो और पीएम पोर्टल तक पर जांच की गई, लेकिन हर बार शिकायताें का निपटान होता गया और तथ्यों को लेकर सवाल उठते रहे। ऐसे में अब डीसी आरएस वर्मा की ओर से चीफ इंजीनियर के जरिए जांच कराई गई। इसमें अब प्रमोशन के लिए अयोग्य पाया है।

गंभीर आरोपों पर जांच रिपोर्ट और सुपरिंटेंडेंट प्रेम सिंह के जवाब
1. आरोप : सुपरिंटेंडेंट के लिए सेकंड क्लास से स्नातक की योग्यता है, लेकिन प्रेम सिंह के पास थर्ड क्लास बीए है?
जांच रिपोर्ट : प्रेम सिंह ने ग्रेजुशन में थर्ड डिवीजन ली थी, जबकि योग्यता सेकंड क्लास थी। उसने पीजी अंग्रेजी फर्स्ट डिवीजन और समाजशास्त्र थर्ड डिवीजन से की थी, योग्य साबित करने का प्रयास किया, जो ठीक नहीं है।
प्रेम सिंह : मैं पहले स्टेनोग्राफर कम पीए टू एमडी था। जब अनुभव 5 साल हो जाता है तो वह सुपरिंटेंडेंट बन जाता है। मेरी योग्यता पूरी है।
2. आराेप : डिप्लोमा जाली है?
जांच रिपोर्ट : दो वर्षीय डिप्लोमा इन पर्सनल मैनेजमेंट एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन का कोर्स जिस चंडीगढ़ स्थित संस्थान से किया फिजिकल जांच में उस स्थान पर मिला ही नहीं।
प्रेम सिंह : डायरेक्टर इंडस्ट्री ने संस्थान को मान्यता प्राप्त किया है और वेबसाइट पर देखा जा सकता है। यह 63 नंबर मान्यता प्राप्त संस्थान है।
3. आराेप : स्टेनाेग्राफर भर्ती हुए, पीए टू एमडी के लिए 10 साल अनुभव योग्यता है।
जांच रिपोर्ट : प्रेम सिंह स्टेनोग्राफर भर्ती हुआ। सिविल कोर्ट महम में सिविल केस में बताैर स्टेनाेग्राफर ही पेश किया, लेकिन प्रमाेशन के लिए खुद को पीए टू एमडी बताया। यह जालसाजी का मामला बनता है।
प्रेम सिंह : स्टाफ कैडर में स्टेनो और पीए टू एमडी की अलग पोस्ट नहीं है। अब भर्ती पत्र में लंबा पदनाम होने के चलते किसी में स्टेनोग्राफर तो किसी में पीए टू एमडी लिख दिया जाता है। पूरा पदनाम स्टेनो कम पीए टू एमडी है। इन्हें पता ही नहीं है।
4. आरोप : कानून व प्रक्रिया पर शुगर फेड ने कभी अनुमाेदित एजेंडा नहीं दिया।
जांच रिपोर्ट : प्रेम सिंह ने सीट का दुरुपयोग किया। सामान्य तौर पर सभी केस बोर्ड आॅफ डायरेक्टर के सामने शुगर फेड के कमेंट के लिए रखे जाते हैं, लेकिन इस मामले में दस्तावेजों की जांच नहीं की गई। असल में 22 जनवरी 2020 तक जांच के समय तक संस्थान से डिप्लोमा सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन ही लंबित थी।


प्रेम सिंह : झूठ, हर मीटिंग में एजेंडा होता है, वह सभी डायरेक्टर और डीसी को बतौर चेयरमैन भी भेजा जाता है। मेरी प्रमोशन में चेयरमैन भी मीटिंग में थे।



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महम शुगर मिल (फाइल फोटो)


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