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धान के बजाय अन्य फसल लगाने पर सरकार देगी 7000 प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान

क्षेत्र में किसानों ने धान की नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके चलते इन दिनों बीज विक्रेताओं की दुकानों पर बीज लेना भी शुरू कर दिया है। मानसून आने से पहले की किसानों ने धान की रोपाई आदि का कार्य करने के लिए खेत तैयार कर नर्सरी लगाना शुरू कर दिया है। किसान जितेंद्र ने बताया कि मैंने 19 मई के आसपास धान की पौध तैयार करना शुरू कर दिया था। जिसके छोटे-छोटे पौधे अभी निकलने शुरू हुए है। वहीं धान का सीजन आते ही जल बचाने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर जागरूकता मुहिम भी चलाई जाती है, क्योंकि धान की खेती करने में पानी की अधिक खपत होती है।

जिसके अंतर्गत किसानों को अगेती धान की रोपाई करने के नुकसान बताने के लिए कृषि विभाग गांव-गांव में किसानों को समझाने के लिए हर साल अभियान चलाया जाता हैं। जिसमें उन्हें पानी बचाने के प्रति प्रेरित किया जाता है। नियमानुसार न तो किसान निर्धारित समय से पहले धान की नर्सरी तैयार कर सकता है और नही धान की रोपाई कर सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा किसान 1 जून के बाद धान की सीधी बिजाई तो कर सकते लेकिन अगर किसान को नर्सरी से रोपाई करनी है तो 15 जून के बाद ही कर सकते हैं। इसके लिए नर्सरी तैयार करने का समय 15 मई सरकार समय निर्धारित किया है। यदि कोई किसान फिर भी ऐसा करता है तो सब सोयल वाटर एक्ट 6 के उलंघन करने के चलते नियमानुसार कार्रवाई की जाने का प्रावधान है।


धान की मध्यम अवधि की जो नर्सरी लगाने का समय है वह 25 मई से 30 मई के बीच का है और धान की मध्यम अवधि की जो किसमें है वैराइटीज है पीआर 114 पीआर 121बी, आर122, पीआर 124 नर्सरी को बोने के बाद 30 दिन के बाद धान रोपाई के लिए तैयार हो जाता है। धान की कम अवधि वाली किस्में 15 जून से 30 जून तक नर्सरी तैयार की जाती है इसमें जो कम अवधि की किस्में है पीआर 128, पीआर129, एचकेआर 47100, 15126 आरएस.10 वैरायटी है और बुआई के देरी से पकने वाली धान की नर्सरी 22 जून से 10 जुलाई तक वही जाती है और 35 दिन के बाद यह नर्सरी रोपाई के लिए तैयार हो जाती है और इसमें जो मुख्य किसमें है पीबी 1121 पैड़ी 1509 सीएस आरती और पीवी सत्रह अट्ठारह है।

लेजर लेवलर को छोड़कर बाकी सभी 1127 कृषि यंत्रों के आवेदन स्वीकार : मलिक

करनाल | सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर जगदीश मलिक ने बताया कि कृषि विभाग, हरियाणा के पोर्टल www.agriharyanacrm.com पर कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए आवेदन किया था। उनमें से लेजर लेवलर कृषि यंत्र को छोड़कर बाकी सभी 1127 कृषि यंत्रों के आवेदन स्वीकार कर लिए गए थे। अब यह निर्णय लिया गया है कि जिन किसानों ने पिछले 4 वर्षों के दौरान संबंधित कृषि यंत्र पर अनुदान का लाभ नहीं लिया है वो सभी किसान बिना परमिट अधिकृत विक्रेता (जिसकी टेस्टिंग रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड है) से कृषि यंत्र खरीदकर उसका बिल व ईवे बिल कृषि यंत्र के साथ किसान की फोटो व स्वयं घोषणा पत्र जोकि पोर्टल पर अपलोड (पारूप में) कृषि विभाग के पोर्टल www.agriharyanacrm.com पर 15.06.2020 तक अपलोड करना सुनिश्चित करे। कृषि यंत्र खरीदने संबंधी सभी किसानों को सूचित किया जाता है कि कोई भी किसान पहले भरे ऑनलाइन आवेदन के अनुसार अधिकृत विक्रेता, डीलर व यंत्र का साइज लेने के लिए बाध्य नहीं है।



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Government will give grant of 7000 per acre for planting other crops instead of paddy


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