
प्रदेश में गेहूं खरीद का कार्य जारी है, अनाज मंडियों में फिलहाल करीब 18 हजार टन रोजाना हा रहा है। एक से छह जून तक उन किसानों को मंडियों में बुलाया जाएगा, जिनका पंजीकरण हो चुका है और वे गेहूं नहीं बेच पाए हैं। अब उन्हें गेहूं बेचने का फिर से अवसर दिया जाएगा।
अब तक अनाज मंडियों में 4.95 लाख किसान गेहूं बेच चुके हैं, जबकि पोर्टल पर करीब आठ लाख किसानों ने आवेदन किया है। मंडियों में 74.66 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना की वजह से अबकी बार एक की बजाए 20 अप्रैल से गेहूं खरीद का कार्य शुरू किया गया था, इसके लिए सरकार ने 1831 खरीद केंद्र बनाए थे। पिछले 10 साल में गेहूं की यह चौथी बड़ी खरीद है। इससे पहले वर्ष 2012-13 में 87.30 लाख टन, वर्ष 2018-19 में 87.58 लाख टन और वर्ष 2019-20 में 93.63 लाख टन गेहूं की खरीद मंडियों में की गई थी।
आढ़तियों को 88.36% राशि खातों में भेजी
अब तक प्रदेश के आढ़तियों को गेहूं खरीद के बाद 11106 करोड़ रुपए खातों में भेजे जा चुके हैं। यह कुल खरीद काकरीब 88.36 फीसदी है। किसानों के खातों में अब तक 9148 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पहुंच चुकी है। फिलहाल करीब 1008 करोड़ रुपए आढ़तियों के पास हैं। अब तक करीब 12568 करोड़ रुपए का गेहूं खरीदा है। सरकार ने गेहूं के बंपर उत्पादन का अनुमान लगाकर अबकी बार करीब 22 हजार करोड़ रुपए रिजर्व रखा था।
अब अनाज मंडियों में18 हजार टन ही गेहूं आ रहा है। एक से छह जून तक उन किसानों को बुलाया जाएगा, जो किसी कारण से मंडियों में गेहूं लेकर नहीं आ पाए हैं। छह जून के बाद भी यदि गेहूं आता है तो खरीद होगी।
-पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा।
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