
जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में राहत इसलिए दी है ताकि लोगों को जरूरी कामों और सामान खरीदने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े, लेकिन लोगों ने इस छूट का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। उन्हें न ही अपनी फ्रिक है और न ही दूसरे की।
सरकारी बैंकों के बाहर सुबह से सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो जाता है। बैंक प्रबंधन के लाख समझाने के बाद भी लोग न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए तैयार नहीं होते हैं और न ही मास्क का प्रयोग कर रहे हैं और न ही सैनिटाइजर का। वहीं, दुकानों के अंदर भी लोग इस तरह पेश आ रहे हैं जैसे कि कोरोना वायरस का कोई खतरा ही न हो।
पीएनबी : दोपहर 12 बजे
सनौली रोड स्थित सब्जी मंडी स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के गेट पर गुरुवार दोपहर 12 बजे 20 से ज्यादा लोग लाइन में तो खड़े थे लेकिन उन्होंने उचित दूरी नहीं बना रखी थी। वह एक-दूसरे से सटकर खड़े थे। गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बार-बार दूरी बनाकर खड़े होने के लिए कह रहा था लेकिन वह गार्ड के निवेदन को अनसुना कर रहे थे। भीड़ के होने के कारण बैंक प्रबंधन ने गेट को अंदर से लॉक कर रखा था। क्योंकि इससे ज्यादा लोग बैंक के अंदर थे। इसलिए बैंक प्रबंधन द्वारा एक बार में 5 से ज्यादा लोगों को एंट्री नहीं दी जा रही थी। लाइन में लगे बबैल नाके के रहने वाले मोहिंदर ने बताया कि वह बैंक में सरकार द्वारा दिए गए 500 रुपए निकालने के लिए आए हैं। सैनी कॉलोनी के रहने वाली सोमवती ने बताया कि वह भी 500 रुपए निकालने के लिए बैंक आई हैं।
एसबीआई- दोपहर 12.40 बजे
ऐसे ही कुछ हालात सनौली रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के थे। गेट के बाहर करीब 14 लोग बिना लाइन के खड़े थे। उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग नहीं थी। अधिकतर लोग मास्क भी नहीं लगाए थे। गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड एक बार में 5 से ज्यादा लोगों को बैंक के अंदर नहीं जाने दे रहा था। वह लगातार लोगों को दूरी बनाकर खड़े रहने के लिए अपील कर रहा था। गंगापुरी रोड के रहने वाले दिनेश ने बताया कि वह अपने बचत खाते में रुपए जमा करवाने आए हैं। वहीं, न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के रहने वाले बलवंत ने बताया कि वह सरकार द्वारा दिए गए 500 रुपए निकालने आए हैं।
पीएनबी की शाखा प्रबंधक सतवीर सिंह खत्री ने बताया कि बैंक की तरफ लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इसलिए उन्हें पुलिस की मदद लेनी पड़ रही है।
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