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एजेंटों के झांसे में आए युवक जंगल व समुद्री रास्ते से होते हुए मैक्सिको की दीवार कूदकर पहुंचे थे अमेरिका

अमेरिका में अवैध तौर पर घुसने का प्रयास करने वाले युवाओं को सरकार वापस लेकर आई है। स्वदेश पहुंचने पर एजेंटों के चंगुल में फंसे युवा बता रहे हैं कि किस प्रकार उन्हें अमेरिका में नौकरी, ग्रीन कार्ड आदि दिलवाने का झांसा दिया गया था लेकिन अमेरिका पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया। रास्ते में भी कई छोटे देश पैदल चलकर पार करने पड़े तो कई जगह खतरनाक जंगलों व समुद्रों से भी सफर तय किया।

जंगल में पैदल चलने से मना करने पर एजेंटों के साथी हथियार दिखाकर जान से मारने की धमकी तक देते। ऐसे में उन्हें डोंकी जैसा बोलते, वैसा ही वे करते रहते। गुरुवार को जिला पुलिस ने विदेश से लौटे दर्जनभर पीड़ितों की शिकायत पर पूंडरी, गुहला, ढांड, सीवन आदि थानों में केस दर्ज करवाए हैं जिसमें एजेंटों ने युवाओं से करीब पौने दो करोड़ रुपए हड़पे हैं। इनमें जांबा निवासी एजेंट सतपाल मुख्य हैं जिसने सबसे ज्यादा पांच युवकों से रुपए ठगे हैं। अमेरिका जाने की चाहत में किसी ने ब्याज पर रुपए लिए थे तो कोई जमीन बेचकर बाहर गया था।


विदेश जाने के नाम पर 12 लाख गंवाए: मोहनलाल
कौल निवासी मोहनलाल ने ढांड थाना में शिकायत दी कि एजेंट अश्वनी उर्फ लाला मेरे गांव का रहने वाला है। अश्वनी ने विदेश भेजने के नाम पर 12 लाख रुपए एडवांस ले लिए। सात मार्च 2019 को दिल्ली से एडिसबाबा साउथ अफ्रीका की फ्लाइट थी। मैं साहुपोलो, लिम्मा, क्वीटो होते हुए दो-तीन दिन में वहां पहुंचा। क्वीटाे में एक रात डोंकी के घर रहा जिसने मेरी टिकट कोलंबिया के लिए करवाई। कोलंबिया से जंगल व पानी के रास्ते पांच-छह दिन में पहुंचा। पनामा इमिग्रेशन कैंप में सात-आठ दिन रहा। वहां से कोस्ट्रीका चला गया। कोस्ट्रीका से निकारगोओ व फिर वहां से होडरस से मैक्सिको बॉर्डर क्रॉस किया। अमेरिका में मैक्सिको बॉर्डर पर 10 जून 2019 को मुझे पुलिस ने पकड़ लिया। मैं लुसियाना व टैक्सास जेल में रहा। मेरा पासपोर्ट इकवाडोर में ही छीन लिया गया था। एजेंट अश्वनी उर्फ लाला के खिलाफ ढांड थाना में केस दर्ज हुआ है।

अमेरिका में घुसते ही जेल पहुंचा कौल का अभिषेक
कौल निवासी अभिषेक ने ढांड थाना में शिकायत दर्ज करवाई कि जांबा निवासी एजेंट सतपाल को मेरे पिता ने विदेश भेजने के नाम पर रुपए दिए थे। फरवरी 2019 में मुझे पहले अफरोड फिर कोलंबिया भेजा गया। कोलंबिया में तीन दिन रहने के बाद समुद्र के रास्ते पनामा देश भेज दिया। पनामा में 45 दिन रहने के बाद बस द्वारा कोस्ट्रिया भेजा गया। वहां से बस द्वारा निकारागोआ व फिर औन्ड्रस भेज दिया। ओन्ड्रस से गोहाटेमाला व फिर मैक्सिको भेजा गया। मैक्सिको से तीन दिन में अमेरिका पहुंच गया। अमेरिका पहुंचते ही पांच मिनट में मुझे पकड़कर जेल डाल दिया। वहां मेरी छह जेल बदली गई। 31 मई 2019 से 18 मई 2020 तक मैं जेल में ही रहा। 18 मई 2020 को मुझे जेल से निकालकर वापस भारत भेज दिया। पुलिस ने एजेंट सतपाल के खिलाफ केस दर्ज किया है।

5 पहले व 7 लाख बाद मे मांगे
ढांड निवासी गुरविंद्र ने ढांड थाना में शिकायत दी कि एजेंट जगदीश कंबोज ने उसे 12 लाख रुपए में अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया था। पांच लाख रुपए पहले व सात लाख रुपए बाद में देने थे। पांच लाख रुपए लेने के बाद 26 मार्च 2019 को मेरा अरनिया देश का वीजा लगवाया। मुझे व मेरी बुआ के लड़के को जयपुर से सऊदी अरब व फिर हरणिया एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। एक महीना वहां रखा और एजेंट के व्यक्ति ने 2500 डॉलर ले लिए। 3 मई को हमें वापस दिल्ली बुला लिया गया। 9 मई को दिल्ली से एडम बाबा एयरपोर्ट, फिर वहां से साहापालों एयरपोर्ट, फिर कबीटों एयरपोर्ट पहुंचाया।

कबीटों में एक व्यक्ति मिला, जो हमारी फोटो लिए हुए थे। वह हमें होटल ले गया। अगली सुबह एक लड़की हमें बस स्टैंड ले गई जहां से हम कोली पहुंचे। समुद्र के रास्ते ले जाया गया, फिर जंगल आया और एक सप्ताह में जंगल पार किया। हम पनामा पहुंचे और 15 दिन कैंप में रहे। वहां से ओस्टिका व फिर गवाहटी भेजा। गवाहटी जाने के बाद एजेंट ने सात लाख रुपए मांगे तो परिवार ने रुपए दे दिए। उसके बाद मैक्सिको भेजा व फिर तजबानो की टिकट करवाई। रास्ते में दो लाख और ले लिए। वहां से हमें सोनाट भेज दिया, जहां गिरफ्तार हो गए । 18 मई 2020 को हमेें व्हाइट पासपोर्ट से भारत पहुंचाया गया।

गुरपंथ ने अमेरिका जाने के लिए दिए 20 लाख
पाबला निवासी गुरपंथ ने ढांड थाना में दी शिकायत में आरोप लगाया कि मैंने जांबा निवासी एजेंट सतपाल को अमेरिका जाने के लिए 20 लाख रुपए दिए थे। एजेंट ने 16 फरवरी 2016 को दिल्ली से जहाज द्वारा इकवाडोर भिजवाया। इकवाडोर से कोलंबिया पहुंचा, जहां से किश्ती में पनाना पहुंचा। वहां डोकर मेरे साथ था और हम पनाना चले गए। वहां मिलिट्री वालों ने गिरफ्तार कर लिया और 40 दिन कैंप में बंदी बनाकर रखा। बस में बैठाकर कोस्टरिका देश छोड़ गए। जहां फिर कैंप में 28 दिन रहे। मैक्सिको से तेजवाला देश में अमेरिका बॉर्डर के पास पहुंचा। 31 मई 2019 को अमेरिका की दीवार कूदकर अंदर गए। अमेरिका बॉर्डर पुलिस ने मुझे पकड़ लिया। एक महीना पुलिस चौकी में रखने के बाद 30 जून को मुझे अमेरिका की जेल भेज दिया। 19 मई 2020 को मुझे भारत लाया गया।

एजेंट को दिए 15 लाख, एक साल जेल में रहा

गांव साकरा निवासी सावन का आरोप है कि जांबा निवासी एजेंट सतपाल को उसके पिता ने अमेरिका भेजने के नाम पर 15 लाख रुपए दिए थे। सतपाल ने अमेरिका में काम दिलवाने का आश्वासन दिया था। 15 मार्च को वह दिल्ली से फ्लाइट द्वारा इकवाडोर पहुंचा। वहां से काेलंबिया फिर पनामा के जंगल में छोड़ा। एजेंट के व्यक्ति ने मुझे जंगल पार करने को बोला। मना किया तो तलवार दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। वह कई देशों से होते हुए मैक्सिको तक पहुंचा। रात में अमेरिका का बॉर्डर पार किया तो कैलिफोर्निया पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया। वह एक साल जेल में रहा। अब व्हाइट पासपोर्ट से भारत आया है।

अमेरिका में नौकरी, ग्रीन कार्ड दिलाने का झांसा मिल

केस नं. 6: गुहला रामनगर भूना निवासी जंगीर सिंह ने बताया कि अम्बाला की सीका सरपंच का ने 13.60 लाख रुपए लिए। उसे अवैध तौर पर अमेरिका में प्रवेश करवाया, जहां पुलिस ने उसे काबू लिया। सीवन थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।केस नं. 6: गुहला रामनगर भूना निवासी जंगीर सिंह ने बताया कि अम्बाला की सीका सरपंच का ने 13.60 लाख रुपए लिए। उसे अवैध तौर पर अमेरिका में प्रवेश करवाया, जहां पुलिस ने उसे काबू लिया। सीवन थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

केस नं. 7: गुहला थाना के सरौला निवासी संदीप का आरोप है कि अम्बाला के एजेंट कुलवंत सिंह ने अमेरिका भेजने के नाम पर उससे 16 लाख रुपए लिए थे। उसे कई छोटे देशों व समुद्र और जंगल के रास्ते से मैक्सिको तक पहुंचाया। जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया और वापस टुक्सला देश भेज दिया। वे दोबारा मैक्सिको पहुंचे और दीवार कूदकर अमेरिका में घुसे। बॉर्डर पेट्रोलिंग टीम ने उन्हें पकड़ लिया और जेल भेज दिया। गुहला थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

मैक्सिको से अमेरिका में घुसे तो बॉर्डर पेट्रोलिंग टीम ने कर लिया था गिरफ्तार

केस नं. 8: गांव मानस निवासी रोहित ने सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि अम्बाला के बकनौर निवासी कप्तान ने उसे 14.50 लाख रुपए में मैक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजने का झांसा दिया था। फरवरी 2019 में उसे दिल्ली से इक्वाडोर व फिर कोलंबिया भेजा। वहां से कपूरगाना ले जाया गया। उन्हें मैक्सिको से दीवार फांदकर अमेरिका में प्रवेश करवाया तो अमेरिका आर्मी ने उन्हें पकड़ लिया। वहां छह महीने तक कैंप में रखा।

केस नं. 9: गांव मुन्नारेहड़ी निवासी मुनीष कुमार ने पूंडरी थाना में केस दर्ज करवाया कि उसने अमेरिका जाने के लिए जांबा निवासी सतपाल को 14 लाख रुपए दिए थे। आरोपी ने उसे कई छोटे देशों व जंगल और समुद्र के रास्ते अवैध तौर पर अमेरिका में प्रवेश करवाया। वहां पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ लिए। 16 दिन तक चौकी में रखे। अब वापस भारत भेजा है।

केस नं. 10: गांव बाकल निवासी सचिन का आरोप है कि अमेरिका जाने के लिए उसके पिता ने जांबा निवासी सतपाल को 15 लाख रुपए दिए थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उसे अमेरिका जाने की बात कहकर बैठाया, लेकिन एक्वाडोर भेज दिया। वहां से कोलंबिया बॉर्डर पार करवाया। अमेरिका में अवैध प्रवेश किया तो पुलिस ने पकड़ लिया।

केस नं. 11: गांव हाबड़ी निवासी अंकुश का आरोप है कि गांव पबनावा निवासी सोमपाल उर्फ सोमा ने उसे अमेरिका भेजने के नाम पर 14 लाख रुपए लिए थे। आरोपियों ने रुपए लेने के बाद भी अमेरिका में अवैध प्रवेश करवाया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

केस नं. 12: गांव मुंदड़ी निवासी मनदीप का आरोप है कि गांव धेरडू निवासी महाबीर से उसकी 56 लाख रुपए में अमेरिका का ग्रीन कार्ड बनाने की बात हुई थी। महाबीर को 25 लाख रुपए दे दिए थे। 16 फरवरी 2019 को आरोपी उसे पूंडरी से करनाल एक कमरे पर ले गया जहां पबनावा व जींद के दो युवक थे। आरोपी लिवामा भेजा, जहां एयरपोर्ट पर पुलिस ने पासपोर्ट ले लिया। वहां से ब्राजील भेजा गया। मैक्सिको से अमेरिका में अवैध प्रवेश दिलवाया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया।



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The young men who came under the guise of agents reached America by jumping through the wall of Mexico through the jungle and sea route


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