
कोविड-19 वायरस के कारण विदेशों में फंसे पानीपत के 147 लोगों को केंद्र सरकार वापस इंडिया लेकर आ रही है। वंदे भारत मिशन के तहत अब तक पानीपत के 45 लोग वापस आ चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में पानीपत के युवक की जॉब चली गई। उसने दोस्तों और परिचितों से उधार लेकर दिन गुजारे।
वापस इंडिया आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में फंसे पानीपत के युवक ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वह पत्नी को अपने पास नहीं बुला पा रहे थे। इंडिया में लॉकडाउन के कारण पत्नी का वीजा नहीं बन पा रहा था। इसलिए पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर वापस इंडिया आना पड़ा।
एक महीने से कर रहे थे अपने देश में आने का प्रयास
मॉडल टाउन के रहने वाले आकर्ष ने बताया कि वह माता-पिता के इकलौते बेटे हैं। पिता का 20 साल पहले निधन हो गया था। 4 साल पहले जॉब की खातिर वह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन चले गए। वहां एक कंपनी में जॉब कर रहे थे। फरवरी के अंत में वहां लॉकडाउन हो गया। इस कारण उनकी जॉब चली गई। जो सेविंग थी वह खर्च हो गई। वापस इंडिया आने के लिए उन्होंने एक महीने पहले ही प्रयास शुरू कर दिए।
19 मई को भारत एम्बेसी से मैसेज मिला कि सिडनी से 21 मई को फ्लाइट है। इसकी टिकट के रुपए आपको ही देने होंगे। 35 हजार रुपए टिकट होती थी। अब उन्हें 85 हजार रुपए में मिली। टिकट के लिए उन्होंने 9 बार भारत की एम्बेसी को मेल करने पड़े। इसके बाद उनकी फ्लाइट सिडनी से थी। ब्रिसबेन से सिडनी की दूरी करीब 950 किलोमीटर थी। सिडनी तक पहुंचने के लिए भी उन्हें काफी रुपए खर्च करने पड़े। यहां आकर जिला प्रशासन ने उन्हें रामलाल चौक स्थित होटल शगुन रेजीडेंसी में ठहरा दिया। यहां का रेंट भी उन्हें खुद देना पड़ रहा है।
स्टडी छोड़ वापस आना पड़ा है
जाटल रोड के रहने वाले रोहित बलारा ने बताया कि वह 4 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आईटी का कोर्स करने गए थे। इस बीच एक बार किसी कारणवश उन्हें स्टडी को ब्रेक करना पड़ा। पिछले एक साल से फिर लगातार स्टडी कर रहे हैं। पत्नी आरती पानीपत में ही थी। पत्नी भी सिडनी आना चाहती थी। ताकि वहां साथ रह सके। अप्रैल के पहले हफ्ते में पत्नी को सिडनी आना था। 24 मार्च में इंडिया में लॉकडाउन हो गया। इस कारण पत्नी का वीजा नहीं बन सका।
इंडिया के लॉकडाउन कब तक रहेगा। यह साफ नहीं हो पा रहा था। इसलिए उन्होंने वापस इंडिया आने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। पिछले 1 महीने में उन्होंने भारत एम्बेसी को 20 से ज्यादा मेल किए। तब जाकर 21 मई को इंडिया वापस आ सके।
8 दिन से हैं क्वारेंटाइन
होटल शगुन रेजीडेंसी में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी योगेश रंगा द्वारा रोहिल बलारा, आकर्ष, डॉ. पारस और उनकी पत्नी डॉ. निधि को क्वारेंटाइन किया गया है। रोहित बलारा का कहना है कि केंद्र सरकार की संशोधित गाइड लाइन के अनुसार विदेश से लौट कर आने वाले लोगों को 7 दिन तक क्वारेंटाइन करना होगा। उन्हें 8 दिन बीत चुके हैं।
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