हड़ताड़ी के सरपंच ने दिया नोटिस का जवाब, मुझसे गलती हुई...पद्मश्री अवाॅर्डी ग्राम सचिव नरेंद्र खाली चेक पर करवाते थे साइन

(सुभाष राय) डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही पंचायत के खाते से 1.51 करोड़ रुपए निकालने के मामले में हड़ताड़ी के सरपंच गुरमीत सिंह ने अपनी गलती मान ली है। डीसी को दिए जवाब में सरपंच ने माना कि काम पूरा नहीं हुए थे, लेकिन तत्कालीन ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह के साथ मिलकर पंचायत का पूरा खाता खाली कर दिया। यह भी माना कि मेजरमेंट बुक (एमबी) में एंट्री किए बिना ही पैसे निकाले। गलती मानकर सरपंच ने पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त तत्कालीन ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी है। सरपंच ने अपने जवाब में डिडवाड़ी निवासी ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। सरपंच ने अपने कबूलनामा में लिखा है कि नरेंद्र उससे खाली चेक पर साइन करवाते थे। वहीं चेक फर्मों को दिया जाता था। गौरतलब है कि भास्कर में 13 मई खब छपने के बाद डीसी ने दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा था। ग्राम सचिव का सनौली खुर्द ब्लॉक ट्रांसफर कर दिया गया है।
सरपंच ने लिखा- ग्राम सचिव के कहने पर ही नहीं दिया जांच के लिए रिकॉर्ड
सरपंच ने डीसी को दिए जवाब में लिखा है कि मैंने- ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह को रिकॉर्ड पूरा करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने रिकॉर्ड पूरा नहीं किया। साथ ही उन्होंने जांच के लिए बीडीपीओ को पंचायत का रिकॉर्ड देने से भी रोक दिया। सरपंच ने यह भी लिखा है कि ग्राम सचिव नरेंद्र के दबाव में ही उसने बीडीपीओ और ग्राम सचिव कुलदीप और रामशरण के खिलाफ झूठे आरोप लगाए। खबर प्रकाशित होने पर सरपंच ने अफसरों पर पैसे मांगने के आरोप लगाए थे।
नरेंद्र सिंह बोले- सरपंच कोरा झूठ बोल रहा है
{सरपंच झूठ बोल रहा है। सरपंच की अध्यक्षता में ही मीटिंग होती है, जिसका प्रस्ताव पास होता है। उसके बाद पेमेंट जारी होती है। जिसके लिए पहले कागज फिर चेक पर साइन होते हैं। सरपंच पढ़ा-लिखा है, वह मेरे कहने पर ही ऐसी गलती कर दी।
{बीडीपीओ और अन्य अफसराें के खिलाफ बयान देने के लिए मुझे कैसे जिम्मेदार ठहरा सकता है। मैं कहूंगा- कुएं में कूद जाओ तो क्या सरपंच कूद जाएगा? यह सब झूठे दावे हैं। सोमवार को मैं भी अपना जवाब डीसी को सौंप दूंगा।
काम का मूल्यांकन कराएं जो भी देनदारी निकलेगी दूंगा : सरपंच
सरपंच हड़ताड़ी गुरमीत सिंह ने कहा कि अपनी गलती स्वीकार करता हूं कि कार्यों का मूल्यांकन हुए बिना ग्रांट की राशि नहीं निकालनी चाहिए थी। जिला स्तर पर कोई कमेटी गठित करके डिवेलपमेंट वर्क का मूल्यांकन कराया जाए। जांच में जो भी देनदारी निकलेगी, मैं देने को तैयार हूं।
बीडीपीओ ने की थी कार्रवाई की सिफारिश हड़ताड़ी पंचायत को सरकार ने 6 डिवेलपमेंट वर्क के लिए 1.51 करोड़ की ग्रांट दी थी। बीडीपीओ ने 2 मार्च को अफसरों संग जांच की। रिपोर्ट में बताया कि 6 डिवेलपमेंट वर्क के लिए ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह और सरपंच गुरमीत ने 1.51 करोड़ रुपए बैंक से निकाल लिए, लेकिन काम पूरे नहीं हुए। साथ ही मेजरमेंट बुक में इन 6 वर्क पर खर्च की गई राशि सिर्फ 94.88 लाख दिखाई गई। इतना ही नहीं एमबी बुक में कहीं भी एसडीओ के साइन नहीं कराए गए। बीडीपीओ ने मांडी पंचायत में 24.28 लाख के डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही ग्रांट निकालने में सरपंच और ग्राम सचिव नरेंद्र को दोषी ठहरा चुके हैं। बीडीपीओ ने 9 मार्च 2020 काे दोनों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
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