सभी सरपंचों व पार्षदों से फोन पर बिजली, पानी व राशन संबंधी समस्याओंं के बारे में पूछेगा डीसी कार्यालय, तुरंत होगा समाधान

कोरोना संक्रमण के चलते लोगों व जन प्रतिनिधियों को सार्वजनिक समस्याओं के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर ना लगाने पड़ें इसके लिए जिला प्रशासन ने विशेष योजना तैयार की है। योजना के तहत प्रशासन द्वारा लगाए गए 5 कंप्यूटर ऑपरेटर एक दिन में अधिकतम 50 गांवों के सरपंचों को फोन कर उनसे गांव के बिजली, पानी व राशन की समस्या के बारे में जानकारी लेंगे। इसके अलावा हर गांव से कोरोना वायरस की स्थिति तथा तैयारियों के बारे में भी फीडबैक लिया जाएगा।
इसी प्रकार की समस्याओं के बारे में नगर परिषद व नगर पालिका के पार्षदों से भी फोन कर सार्वजनिक समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा नोट की गई सभी सार्वजनिक समस्याएं संबंधित विभाग को भेजी जाएंगी। प्रशासन द्वारा भेजी गई समस्याओं को संबंधित विभाग तय समय में हल करेगा तथा डीसी कार्यालय को समस्या का समाधान करने के बाद इसकी सूचना देगा। डीसी खुद समय-समय पर गांवों व शहर से आई समस्याओं पर संबंधित विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे।
जनप्रतिनिधियों से पूछे जाएंगे ये सवाल
Q. गांव या वार्ड में घरों में कितने बजे से कितने बजे तक बिजली सप्लाई होती है।
Q. गांव की ढाणियों में कितने घंटे बिजली सप्लाई हो रही है।
Q. गांव में बिजली की किसी प्रकार की सार्वजनिक समस्या यदि है तो।
Q. गांव या वार्ड में पीने के पानी की स्थिति कैसी है।
Q. गांव में पशुओं के लिए बने जोहड़ में पानी है या नहीं।
Q. कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए लॉकडाउन में कितने लोग गांव में बाहर से आए हैं। उनकी जांच हुई है या नहीं।
Q. डिस्ट्रेस राशन टोकन से वितरित किए जा रहे राशन की गांव में क्या स्थिति है।
काम के लिए लगाए एनआईसी के 5 ऑपरेटर
गांवों में सरपंचों से फीडबैक लेने के लिए प्रशासन ने एनआईसी के 5 ऑपरेटर लगाए हैं। प्रत्येक कंप्यूटर ऑपरेटर एक दिन में अधिकतम 10 ग्राम पंचायतों को फोन कर उक्त सभी सवाल पूछेगा तथा उन्हें नोट करेगा। इस प्रकार 5 ऑपरेटर रोजाना कम से कम 30 तथा अधिक से अधिक 50 ग्राम पंचायतों से जानकारी लेंगे।
सीटीएम के माध्यम से जाएंगी समस्याएं
कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा गांवों से ली गई समस्याओं की रिपोर्ट रोजाना नगराधीश अनुभव मेहता के माध्यम से संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास जाएंगी। इन समस्याओं का समाधान संबंधित विभाग को तय समय में करना होगा। समाधान नहीं होने की स्थिति में अधिकारियों को काम नहीं होने का कारण भी बताना होगा।
रोजाना 9 से 10 बजे तक करेंगे फोन
इस योजना के तहत एनआईसी के कंप्यूटर ऑपरेटर रोजाना सुबह 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे तक सरपंचों व पार्षदों को फोन कर गांव के बारे में उक्त सवाल पूछेंगे। रोजाना यह जानकारियों डीसी कार्यालय को भेजी जाएंगी।
जानिए... ये है योजना का उद्देश्य
फोन पर ही गांवों व वार्डों की समस्याएं नोट होने से जनप्रतिनिधियों व आम लोगों को भी सरकारी कार्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि गांव या वार्ड की समस्या सीधे डीसी कार्यालय से संबंधित विभाग के पास जाएगी इसलिए अधिकारी उस समस्या को जल्द से जल्द हल करेंगे तथा हल नहीं होने पर उन्हें कारण भी बताना पड़ेगा। ऐसा होने से सार्वजनिक समस्याओं का समाधान तय समय में हो पाएगा तथा कोविड-19 के चलते सरपंचों व पार्षदों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
अयाल्की की सरपंच ने बताई बिजली की समस्या
एनआईसी के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने गांव अयाल्की की सरपंच इंद्रा देवी से संपर्क कर उनसे गांव की समस्या के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि गांव में वाटर सप्लाई में लगे ट्यूबवेल की लाइन लंबी होने के कारण लोड अधिक है। पिछले 4 साल से उनकी विभाग से ट्यूबवेल को दूसरी लाइन में जोड़ने की मांग है। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। इस संबंध में डीसी नरहरि सिंह ने तुरंत निगम के एससी को फोन कर समस्या का हल करने के आदेश दिए।
फोन कर ले रहे हैं जानकारी: डीआईओ
^डीसी साहब के आदेशों पर हमारे कंप्यूटर ऑपरेटरों ने सरपंचों व पार्षदों से फीड बैक लेना शुरू कर दिया है। फतेहाबाद ब्लॉक की पंचायतों से शुरूआत की गई है। पूरा डाटा डीसी कार्यालय का भेजा जाएगा।'' -सिकंदर, डीआईओ, एनआईसी।
फोन पर सार्वजनिक समस्याएं पूछकर करेंगे समाधान:डीसी
^कोरोना वायरस के चलते लोगों को सरकारी कार्यालयों में ना आना पड़े तथा उनकी सार्वजनिक समस्याओं का जल्द समाधान हो इसलिए नया सिस्टम लागू किया है। इसके तहत रोजाना अधिकतम 50 गांवों या वार्डों के सरपंचों व पार्षदों से गांव व वार्ड की बिजली, पानी, राशन व कोरोना की स्थिति के बारे जानकारी लेकर समाधान करवाएंगे। हर सप्ताह मैं खुद रिव्यू करूंगा।'' -डॉ. नरहरि सिंह बांगड़, डीसी।
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