Skip to main content

आईसीएआर तकनीक से धान की सीधी बिजाई की तैयारी

प्रदेश से प्रवासी मजदूरों के पलायन के चलते अब किसानों ने धान की सीधी बिजाई की तकनीक का प्रयोग करने का रास्ता निकाला है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की सीधी बिजाई तकनीक का इस्तेमाल कर धान की सीधी बिजाई कर सकते हैं। मजदूरों के पलायन के चलते धान का सीजन खतरे में है। इसी को लेकर अब किसान सीधी बिजाई के तरीके को अपना रहे है।
इस तरह होती है सीधी बिजाई : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार सीधी बिजाई में धान की सभी किस्म कामयाब है। यह बिजाई शाम के समय करनी होती है। धान की सीधी बिजाई 31 मई तक हो सकती है। इसके बाद कम से कम 10 दिन तक सूखे मौसम की जरूरत होती है।

बिजाई के लिए एक एकड़ में 7 से 8 किलो बीज लगता है। गहरी जुताई के बाद सिंचाई और नमी पर बीज डालने के बाद छींटा विधि से बिजाई की जाती है। विभाग के अनुसार बिजाई के यदि 7 दिन बरसात हो जाए तो जमीन की सख्त परत को तोड़ना के लिए सिंचाई करे। अन्यथा पौधे बाहर नहीं आ पाएगें। फिर 10 दिन बार सिंचाई और तुरंत छिड़काव करे। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की पौध लगाकर रोपाई से खरपतवारों का खतरा कम होता है लेकिन सीधी बिजाई से खरपतवारों की समस्या ज्यादा रहती है। इस पर नियंत्रण के लिए बिजाई के तुरंत बाद छिड़काव किया जाता है।

पाैध से धान की रोपाई में चाहिए अधिक लेबर

पहले धान की रोपाई को लेकर प्रवासी मजदूर आते थे, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मजदूर पलायन कर गए हैं। पौध से धान की रोपाई करने में काफी संख्या में मजदूरों की जरूरत होती है। गेंहूं की बिजाई व कटाई तो मशीनों से हो जाती है लेकिन धान की पौध व रोपाई के लिए मजदूरों से ही काम लिया जाता है। चार मजदूर 1 दिन में एक एकड़ की रोपाई कर देते है। एक एकड़ रोपाई के लिए 2500 से तीन हजार रुपये तक लेबर ली जाती है। रतिया क्षेत्र में करीब 10 हजार किसान 95 हजार एकड़ में धान की रोपाई करते है लेकिन इस बार सरकार ने आधी जमीन पर ही धान की रोपाई के लिए कहा है।

सीधी बिजाई से पानी की काफी बचत : कृषि उपनिदेशक

^धान की रोपाई पर रोक मामले को लेकर सरकार व निदेशक को सर्वे की जानकारी भेज दी है। जल्द सरकार की नई गाइड लाइन जारी हो जाएगी। किसान सीधी बिजाई करे तो इससे पानी की काफी बचत होती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भी इसकी सिफारिश करती है।'' - राजेश सिहाग, कृषि उपनिदेशक|



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Preparation of direct sowing of paddy with ICAR technique


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2A6cbXP

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...