मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां की लैब में नई आरएनए एक्सट्रेक्ट मशीन लगाई जाएगी। मशीन के स्थापित होने के बाद जहां लैब की सैंपल जांच करने की क्षमता ढाई से तीन गुणा तक बढ़ जाएगी, वहीं आरएन एक्सट्रेक्ट अलग करने का कार्य मैल्युअल से मशीन से होना शुरू हो जाएगा। इससे लैब में कार्य कर रहे कोरोना योद्धा भी सुरक्षित रहेंगे। वहीं, सरकार का लैब की क्षमता बढ़ाकर दो हजार करने का लक्ष्य है।
कॉलेज की वीएलडीए लैब में कोरोना मरीजों के सैंपलों की जांच की जाती हैं। लैंब में जो भी सैंपल पहुंचता हैं, उसमें से आरएनए एक्सट्रेक्ट अलग किया जाता है। यह कार्य मैन्युअल किया जाता है। इसलिए एक सैंपल की रिपोर्ट तैयार करने में आठ घंटे तक का समय लग जाता है। पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या बढ़ी है। इससे लैब में सैंपलों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। लैब में सैंपलों की जांच करके जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार की जा सके, सरकार द्वारा प्रदेश की सभी लैबों की क्षमता बढ़ाई की कवायद शुरू कर दी है। इनई आरएनए मशीन स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मशीन स्थापित होने पर लैब की क्षमता ढाई से तीन गुणा बढ़ जाएगी।
अभी सैंपलों की जांच करने का कार्य 24 घंटे चलता हैं। तीन शिफ्टों में एलटी और अन्य स्टॉफ लगाया हुआ है। नई मशीन स्थापित करके सैंपल जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए स्टॉफ बढ़ाया जाएगा। अधिकारी का कहना है कि जल्द ही लैब में स्टॉफ की नियुक्त कर दी जाएगी। नई मशीन आने और स्टॉफ बढ़ने पर सैंपल जांच का जो कार्य आठ घंटे में होता था, वह अब पांच घंटे में पूरा हो जाएगा। मशीन ऑटोमेटिक होगी। इसका फायदा यह होगा कि लैब में अधिक सैंपलों की जांच हो सकेगी।
क्षमता बढ़ाने को लगाई थी दो मशीन : मार्च में यहां की लैब कोे मंजूरी मिली थी तो 250 से 300 सैंपलों की जांच करने की क्षमता थी। 24 घंटे में मरीजों को सैंपल रिपोर्ट नहीं मिल रही थी। इसके बाद हिसार से अतिरिक्त रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन मशीन मंगाई थी। दूसरी मशीन गुजरात से पॉलीमरेस चेन रिएक्शन मशीन मंगाई गई थी। इन मशीन के स्थापित होने के बाद लैब में सैंपल जांच करने की क्षमता बढ़कर 600 से 700 हो गई थी।
स्टाफ के लिए सुरक्षा प्रबंध : प्रत्येक कर्मचारी कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहा है। मई माह के दौरान तीन डॉक्टर, 10 स्टाफ नर्स और चार कर्मचारी के संक्रमित होने पर कॉलेज प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी। कॉलेज प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के स्टॉफ को संक्रमित होने से बचाने के लिए सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं। कॉलेज भवन के अंदर प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाती है।
ढाई से तीन गुणा बढ़ेगी क्षमता
लैब की क्षमता बढ़ाने के लिए आरएनए मशीन स्थापित करने के साथ-साथ स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा। फिलहाल लैब में 600 से 700 सैंपलों की जांच करने की क्षमता है। नई मशीन स्थापित होने और स्टाफ बढ़ाने पर क्षमता ढाई से तीन गुणा बढ़ जाएगी। सरकार का प्रयास है कि लैब की क्षमता बढ़ाकर दो हजार किया जाए। ताकि मरीज को रिपोर्ट आने का अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़े। आशीष वशिष्ठ, ज्वाइंट डायरेक्टर, मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां।
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