(अनिल बंसल)लॉकडाउन के बाद अभिभावकों से लेकर टीचर की सभी की एक ही चिंता है आखिर स्कूल कब खुलेंगे। सीबीएसई ने इसे लेकर एक योजना बनाई है जिसके अंतर्गत अब ऑड-ईवन फार्मूला के तहत स्कूलों को खोला जाएगा। विदित हो कि ऑड-ईवन फार्मूला अभी तक वाहनों व दुकानों पर ही लागू है, लेकिन अब सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई के लिए भी इसी फार्मूले को अपनाया जाएगा। लॉकडाउन के बाद सीबीएसई ने ऑरेंज व ग्रीन जोन में स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए एक दिन ऑड व दूसरे दिन ईवन रोल नंबर के विद्यार्थियों को स्कूल आएंगे। योजना के तहत फिलहाल आठवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को ही पढ़ाई के लिए स्कूल बुलाया जाएगा, जबकि पहली से सातवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अभी स्कूल जाने के लिए इंतजार करना होगा।
पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी जोर : शिक्षकों पर कोर्स पूरा करवाने का रहेगा दबाव
स्कूलों ने तैयारी शुरू कर दी है। लॉकडाउन के बाद स्कूलों में बच्चों के आने का सिस्टम कैसे होगा, इसको लेकर स्कूल अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऑड-ईवन फार्मूले के तहत स्कूल में विद्यार्थियों को बुलाने का उद्देश्य स्कूलों में शारीरिक दूरी बनाए रखना है, लेकिन इस फार्मूले से पढ़ाई करवाए जाने पर शिक्षकों पर कोर्स पूरा करवाने में दबाव रहेगा। ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाएगी। जिस दिन बच्चें स्कूल नहीं आएंगे, उनकी पढ़ाई ऑनलाइन होगी। ऐसे में संबंधित विषय के शिक्षक को क्लास रूम करवाई गई पढ़ाई को विद्यार्थियों को भेजनी होगी।
स्कूलों के गेट पर बच्चों की रोजाना ऑटोमेटिक स्क्रीनिंग होगी, इसके बाद ही उन्हें एंट्री दी जाएगी। अगर किसी बच्चे को जुकाम, बुखार या सर्दी की शिकायत होगी, तो उसे तुरंत घर भेज दिया जाएगा।
स्कूल में ऑड-ईवन एंट्री : लाॅकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को ऑड-ईवन रोल नंबर के हिसाब से बुलाया जाएगा। इससे स्कूल में बच्चों की संख्या भी कम रहेगी साथ ही शारीरिक दूरी का भी पूरी तरह ख्याल रखा जा सकेगा। स्कूल गेट पर स्क्रीनिंग के बाद ही विद्यार्थी को एंट्री दी जाएगी।
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