(नरेश मेहरा)लाॅकडाउन में पति का राेजगार गया ताे पति का स्वभाव चिड़चिड़ा हाेता चला गया। अन्य किसी से कुछ नहीं बाेल पाया, लेकिन हर बात का गुस्सा पत्नी पर ही उतारा। लाॅकडाउन के पहले सप्ताह में बाताें-बाताें में ताने देने वाली स्थिति दूसरे सप्ताह में हाथा पाई तक पहुंच गई। पति की राेजगार खत्म हाेने की चिंता काे समझते हुए पत्नी अपने पति की हर बात ताे सुनती रही अाैर मारपीट भी सहती रही। तीसरे लाॅकडाउन में ताे नाैबत यहां तक कि पति ने पत्नी के साथ मारपीट करके घर से निकाल दिया।
महिला अपने मायके पानीपत में रही। माता सीता रानी सेवा संस्था के परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर दीपक कुमार व सुनीता आनंद ने बताया कि गोपाल कॉलोनी निवासी महिला ने बताया कि उसका पति चाऊमीन व गाेल गप्पे बेचता था। लाॅकडाउन में कामकाज ठप हाे गया। इससे परेशान पति ने मेरे ऊपर ही गुस्सा निकालना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि उसके 2 बच्चे भी है।
शुरुआत में पत्नी की काफी बाताें काे लेकर गुस्सा में था पति: काउंसलर
काउंसलर दीपक ने बताया कि महिला के पति काे बुलाकर उसके मन की बात पूछी गई। शुरूआत में उसमें काफी बाताें काे लेकर गुस्सा भी था। तीसरी बार उसे समझाते हुए कहा कि एक बार पत्नी काे विश्वास भारी नजर से देख। 2 माह से हर बात काे सहन करती आ रही है। वाे सब इसलिए सहा ताकि घर बसा रहे। रिश्ताें में झुककर और एक दूसरे काे समझकर चलना पड़ता है। यह सब बातें सुन पति व पत्नी ने एक दूसरे पर विश्वास बनाए रखने की बात कही। दाेनाें एक दूसरे के साथ रहने काे तैयार हाे गए। पति माफी मांगकर घर ले गया।
राेजगार खत्म हाेने से आर्थिक तंगी के बढ़ रहे मामले
लाॅकडाउन के दाैरान 25 मार्च से 30 मई तक घरेलू कलह के 8 केस संस्था के पास आए। काउंसलर ने बताया कि 5 केस लाॅकडाउन में राेजगर खत्म हाेने से घर में आई आर्थिक तंगी के थे। इसके अलावा 3 केस सास व ननद की दखल अंदाजी के थे। सभी केस में हर दूसरे दिन फाेन से ही पत्नी व पति से बात करते हैं। किसी काे काेई दिक्कत या मन में कड़वाहट ताे नहीं, यह सब जानकर उन्हेंदूर कराते हैं।
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