
राजस्थान सीमावर्ती इलाकों में आए टिड्डी दल से सिरसा जिला के बॉर्डर एरिया के खेतों में कुछ टिड्डी दिखाई देने लगी हैं लेकिन टिड्डी दल के हमले का खतरा फिलहाल टल गया है। गुरुवार को दिनभर उत्तर पूर्व वह दक्षिण पूर्व हवाएं चलने से हवा के साथ टिडि्डयां राजस्थान के ही दो जिलों में पीछे हट गईं।
अब हरियाणा सीमा से 45 किलोमीटर दूर दो छोटे टिड्डी दल कोहला फार्म और लीलावाली के पास हनुमानगढ़ जिले में है जबकि तीसरा बड़ा टिड्डी दल श्रीगंगानगर जिला के बिंझबायला में छहमासी नहर के पास है। जिससे अगले सप्ताह बिगड़े मौसम के दौरान हरियाणा की ओर आने का खतरा है। राजस्थान की ओर से गुरुवार को सुबह टिड्डी दल हरियाणा में प्रवेश करने की आशंका बनी हुई थी। जिसके चलते कृषि विभाग की टीमें चौटाला और ऐलनाबाद में सीमावर्ती इलाकों में मुस्तैद रहीं। दिन चढ़ने के साथ हवाएं पश्चिमी से बदलकर पुर्वा और पूर्व दक्षिण चलने से टिड्डी दल वापस राजस्थान की और हवा के साथ चला गया। इससे कृषि विभाग और प्रशासनिक टीमों ने राहत की सांस ली वहीं किसानों को भी खतरा टल जाने से राहत मिली है।
हालांकि गुरुवार शाम को डबवाली उपमंडल के चौटाला गांव में राजस्थान के संगरिया और रतनपुरा कैंची आंख के पास टिड्डी दल आ पहुंचा और हरियाणा में प्रवेश करने से ऐन पहले तेज आंधी आ जाने से पूर्व से पश्चिम की ओर चली हवाओं के साथ राजस्थान में टिड्डी दल वापस पीलीबंगा की ओर चला गया। हालांकि राजस्थान सीमा के साथ हरियाणा के लगभग 25 गांवों में कुछ खेतों के बीच 5 से दस टिड्डी प्रतिएकड़ दिखाई दे रही हैं लेकिन इससे नुकसान की आशंका नहीं है। चौटाला निवासी किसान राकेश गोदारा व मुकेश बिश्नोई, राजेश, सुभाष ने बताया कि गांव और खेतों में इक्का-दुक्का टिड्डी दिखाई दी है और किसान अपने खेतों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं वहीं प्रशासन से भी नियंत्रण की पूरी उम्मीद है।
ऐलनाबाद के एसडीएम ने मोहल्ला फार्म जाकर देखी स्थिति
बुधवार रात्रि को टिड्डियां सीमावर्ती गांव कर्मशाना, ढाणी शेरां, बेहरवाला खुर्द, नीमला, धौलपालिया के खेतों मे आने लगी किसानो में भय व चिंता का माहौल पैदा हो गया। गामीण खेतों में पीपे व पटाखे बजाकर शोर करने लगे व खेतों में आग जला ली ताकि टिड्डियों को भगाया जा सके। रात को ही तेज हवा चलने व किसानों द्वारा शोर कर टिड्डियों को पड़ाव नही डालने दिया। गुरुवार को पुरवाई हवा चलने से टिड्डियां हरियाणा सीमा में घूसने की बजाय हवा के बहाव के साथ राजस्थान क्षेत्र में ही उड़ गई। फिलहाल ऐलनाबाद से करीब 35 किलोमीटर दूर हनुमानगढ़ के कोहला फार्म में टिड्डियां हैं जहां ऐलनाबाद एसडीएम दिलबाग सिंह ने जाकर स्थिति का जायजा लिया है ओर राजस्थान के अधिकारियों से समन्वय बनाकर नियंत्रण को सुनिश्चित करने पर चर्चा की है।
पाकिस्तान में हैं बड़े दल, राजस्थान में भी कई जगह सक्रिय
उल्लेखनीय है कि शुष्क प्रदेशों में बारिश और वन क्षेत्र से टिड्डी दल बड़ी संख्या में पैदा होकर आगे बढ़ते हैं। जो गर्मी के दिनों में पाकिस्तान के रेगिस्तान और समुंदर किनारे के इलाकों में बहुत बड़ी संख्या में युवा और पनप रहे होते है। यहां से हवा के साथ 5 वर्ग किलोमीटर से 10 से 15 वर्ग किलोमीटर के करोडों टिड्डीयों वाले दल भारत में प्रवेश करते हैं। जिनमें ज्यादातर राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर इलाका जबकि गुजरात के पाकिस्तान सीमावर्ती जिलों तथा हरियाणा के निकट राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर तथा पंजाब के फाजिल्का जिलों में पंजाब की ओर से प्रवेश कर चुके हैं। फिलहाल राजस्थान के हनुमानगढ़ में दो और श्रीगंगानगर में एक बड़ा दल पहुंचा हुआ है।
एक्सपर्ट व्यू : अगले सप्ताह तक मौसम और हवा परिवर्तनशील
चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग एचओडी डॉ मदन लाल कीचड़ ने बताया कि आगामी एक सप्ताह तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इस दौरान आंधी, बादल, बारिश की संभावनाएं भी बनी हुई है। इस सप्ताह में ज्यादा समय हवाएं पूर्व से उत्तर व पश्चिम की ओर अधिक चलेगी। जिससे राजस्थान की ओर से टिड्डी दल आने की संभावना कम रहेगी।
फिलहाल खतरा टला: तहसीलदार
हरियाणा राजस्थान सीमा पर सीमावर्ती इलाका के खेतों में पहुंचे तहसीलदार संजय बिश्नोई ने बताया कि सीमा पर राजस्थान में रतनपुरा चौराहे के पास खेतों में टिड्डी दल शाम को पहुंचा लेकिन इसी दौरान उत्तर पूर्व की ओर से आंधी आने से बचाव हो गया है। उपमंडल में प्रशासन और कृषि विभाग की टीम मुस्तैदी से ड्यूटी कर रही है और राजस्थान से सटे खेतों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। रात को भी सतर्कता बरती जा रही है।
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