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पंचायत के ठेकेदारों को करारा झटका, अब सभी विकास कार्य मनरेगा के मजदूर करेंगे

पंचायतों में विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों को सरकार ने करारा झटका दिया और गांव के मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान एक बड़ा गिफ्ट मिला है। अब पंचायतों के सभी विकास कार्य मनरेगा के मजदूर ही करेंगे। यदि गांव में मजदूर नही है तो 5 किलोमीटर के पड़ोस वाले गांव के मजूदरों से काम कराना होगा।


ग्रामीण विकास विभाग के इस नए आदेश से पंचायतों में विकास कार्य कराने वाले ठेकेदारों की लेबर को लेकर चल रही मनमर्जी समाप्त होगी। ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव ने विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि 18 मार्च 2020 को अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग की अध्यक्षता में मनरेगा के अन्य विभागों की सहभागिता के लिए मीटिंग हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया था कि विकास एवं पंचायत विभाग के सभी विकास कार्य अब मनरेगा के मजदूरों से ही कराए जाएंगे। जिन गांवों में मनरेगा के तहत मजदूरों के जाॅब कार्ड नही बने हैं। उन गांवों से 5 किलोमीटर के पड़ोस वाले गांवों के मजदूरों से काम करना होगा।

मनरेगा के तहत मिलेगी प्रतिदिन ‌309 की मजदूरी
ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश दिया है कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को अब 309 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी दी जाएगी। मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया जाएगा। गांव के गरीब लोगों को इसके लिए विभाग को अप्लाई करना होगा। हर ब्लाक पर नियुक्त मनरेगा अधिकारी, बीडीपीओ, पंचायत अधिकारी व ग्राम सचिव मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाने में मदद करेंगे। इस याेजना के पीछे गांव के गरीब लोगों को काम दिलाना है, ताकि वे अपने परिवार का गुजारा कर सके।

शर्त के साथ नियम : ग्राम सचिव व सरपंच को देना होगा शपथ पत्र, सूचना झूठी मिली तो होगी कार्रवाई

ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि मनरेगा के तहत मजदूर नही मिलने के बारे में ग्राम सचिव व सरपंच को एक शपथ पत्र देना होगा। यदि इसमें सूचना झूठी मिली तो सरपंच व ग्राम सचिव के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिन विकास कार्यों का टेंडर होगा, उनका विकास कार्य भी मनरेगा के मजदूर ही करेंगे।

सरपंचों ने जताई थी नाराजगी
आदेश आते ही कुछ सरपंच जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। सरपंचों का आरोप है कि विभाग की तरफ से नए- नए कानून थोपे जा रहे हैं। गांवों में मनरेगा के तहत काम करने वालों की संख्या कम है। जिससे विकास कार्य प्रभावित होंगे।

^अब सभी काम मनरेगा के तहत होंगे। विभाग की तरफ से जो आदेश पत्र आया है। उस पर काम शुरू कर दिया है।
-सीमा मलिक, ब्लॉक मनरेगा अधिकारी राई।



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राई. पावसरा गांव में मनरेगा के तहत काम करते मजदूर।


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