
ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सरकार की ओर से लगाई गई फाइव-स्टार मोटर की अनिवार्यता को राज्य सरकार ने खत्म कर दिया है। इसकी वजह जिस गुजरात की कंपनी को यह मोटर बनाने का काम दिया था, उसने अब फाइव-स्टार मोटर बनाना ही बंद कर दिया है। ऐसे में अब किसान थ्री-स्टार या इससे ज्यादा स्टार की मोटर कहीं से भी खरीद कर अपने ट्यूबवैल पर लगा सकता है। बिजली निगम के एसई या एक्सईएन इसकी जांच कर कनेक्शन दे देंगे।
बिजली विभाग की ओर से आवेदन मांगे जाने के बाद पूरे प्रदेश में 82 हजार किसानों ने ट्यूबवैल के लिए आवेदन किया था। इनमें 9039 किसानों ने सिक्योरिटी राशि, मोटर, लाइन समेत सभी खर्चा जमा कराया। इसके बाद बिजली निगमों की ओर से 7421 किसानों का सर्वे कराया। जिसमें सामने आया कि 6194 किसान फाइव-स्टार मोटर लगाने को तैयार हैं तो 1227 किसान मोनाेब्लॉक लगवाना चाहते हैं।
लेकिन सरकार के पास फाइव-स्टार मोटर सिर्फ 4868 हैं और अब जिस गुजरात की कंपनी को इन मोटर का ठेका दिया था, उसने इनका निर्माण बंद कर दिया है। बिजली मंत्री रणजीत सिंह का कहना है कि 4868 किसानों को 15 जून तक कनेक्शन दे दिए जाएंगे। किसान चाहें तो बाजार से मोटर खरीद कर लगा सकते हैं। अब फाइव-स्टार मोटर की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। फाइव-स्टार मोटर का मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा था, तब सरकार ने यही जवाब दिया था कि मोटर आने पर कनेक्शन दिए जाएंगे।
जिनको कनेक्शन नहीं मिला, उन्हें ब्याज समेत पैसा वापस करेगा बिजली विभाग : बिजली विभाग की ओर से जिन किसानों का सर्वे नहीं हुआ, उनका जल्द कराया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि वे मोनोब्लॉक पंप के कनेक्शन चाहते हैं या स्टार वाली मोटर लगाना चाहते हैं। या मोनोब्लॉक चाहेंगे तो कनेक्शन मिल जाएगा। नहीं तो उनकी ओर से जमा कराया पैसा ब्याज समेत वापस किया जाएगा।
प्रदेश में पहुंची सिर्फ 4868 मोटर, इतने किसानों को जल्द मिलेंगे बिजली के कनेक्शन
बिजली निगम ने बिल जमा कराने को खोले कैश काउंटर
बिजली निगम की ओर से बिलों को जमा कराने के लिए अपने कैश काउंटर खोल दिए हैं। अब लोग सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए निगमों के ऑफिस में बिल जमा करा सकते हैं। कोरोना की वजह से ऑनलाइन बिल जमा कराने को कहा था।
दोबारा खोला जाएगा पोर्टल
बिजली निगमों की ओर से आवेदन करने वाले किसानों के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाएगा। पूर्व में जब 100 का फॉर्म भरकर 82 हजार किसानों ने आवेदन किया था। परंतु बिजली निगमों की ओर से इनमें 9039 को ही डिमांड नोटिस भेजे गए थे।
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