Skip to main content

दबंग ने ईको ड्राइवर को पीटा, डर के मारे दो दिन घर से नहीं निकला, हार्ट फेल होने सेे मौत

बिंझौल गांव में 3 दिन पहले दबंग युवक ने पहले गाड़ी निकालने को लेकर अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर दी। एक घंटे बाद फिर घर में घुसकर व्यक्ति, पत्नी व मानसिक रूप से बीमार नाबालिग बेटे को पीटा। डर के मारे दो दिन तक पीड़ित बाहर नहीं निकला। परिजनों का आरोप है कि वह तनाव में था, इस कारण शनिवार सुबह हार्ट फेल होने से मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज किया है। 55 वर्षीय जयभगवान ईको गाड़ी चलाता था। भतीजे सोनी कुमार ने बताया कि 27 मई की शाम जयभगवान बच्चों के कागजात की फोटो स्टेट कराने के लिए गाड़ी से पानीपत आ रहे थे। घर से थोड़ी दूर गांव का मनजीत उर्फ गांधी बाइक लेकर आया।

आरोप है कि पहले निकलने को लेकर हुए विवाद में गांधी ने चाचा से मारपीट की और गाड़ी तोड़ दी। तब चाचा घर लौट आए। करीब एक घंटे बाद आरोपी दोबारा घर पर आया। फिर से चाचा, उनकी पत्नी राजवंती व मानसिक रूप से बीमार 16 वर्षीय बेटे सचिन के साथ मारपीट की। सोनी ने कहा कि गांधी के खिलाफ पहले भी हत्या समेत अन्य धाराओं में कई केस दर्ज है। गांधी के डर के मारे चाचा दो दिन तक घर से बाहर नहीं निकले। चाचा हार्ट के पेशेंट थे।

सोनी का आरोप है कि मारपीट के बाद परिजन आठ मरला चौकी में गए गए और शिकायत दी थी। कार्रवाई नहीं होने पर अगले दिन फिर चौकी में गए, पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई। पुलिस अगर केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लेती तो शायद चाचा की मौत न होती। मामले में आठ मरला चौकी प्रभारी राजबीर ने बताया कि मृतक के भाई हवासिंह के बयान पर आरोपी गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया है। पहले परिजनों को लिखित शिकायत देने के लिए बोला था, लेकिन उन्होंने लिखकर नहीं दी थी। इसलिए केस दर्ज नहीं हो पाया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Dabangg beaten eco driver, did not leave home for two days due to fear, death due to heart failure


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gDeqmo

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...